2. और तब बूढ़े सियार ने भेड़िए का भी रूप बदला। मस्तक पर तिलक लगाए, गले में
कंठी पहनाई और मुँह में घास के तिनके खोंस दिए।
(क) बूढ़े सियार ने भेडिए का रूप क्यों बदला ?
(ख) सियार भेड़िया को लेकर कहाँ और क्यों गया ?
(ग) सियार और भेड़िए के माध्यम से लेखक ने किन पर व्यंग्य किया है ?
(घ) कहानी का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।
Answers
Answered by
0
Answer:
- क) अपनी योजना को सफल बनाने के लिए बूढ़े सियार ने अपने साथियों को रंगने के बाद भेड़िये के रूप को भी बदला।
- ग) सियार के माध्यम से लेखक कवियों, लेखकों और बुद्धिजीविको तथा भेड़ियों के मध्यम से स्वार्थी, ढोंगी और चालाक राजनेताओं पर व्यंग कर रहा है।
- घ) इस कहानी का साफ़ उद्देश्य यह है कि समाज के लोगों को सचेत करना जो भेड़ की तरह चलते हैं और राह चलते भेड़िए के शिकार हो जाते हैं। जिसे सिर्फ अपना फायदा दिखता है। इस कहानी में आम जनता को भेड़ बोला गया है जो बहुत सीधी है और उनके सीधेपन का फायदा सरकार में बैठे चालाक भेड़िए यानी को नेतागण लेते हैं।
hope it helps you
Similar questions