2.) पंडित अलोपिदिन के चरित्र में कौन सी
विशेषता नहीं थी? class 11
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लालजी ('प्रेम सागर') व सदल मिश्र ('नसिकेतोपाख्यान')- के नाम उल्लेखनीय हैं। भारतेन्दु-पूर्व युग में मुख्य संघर्ष हिन्दी की स्वीकृति और प्रतिष्ठा को लेकर था। इस युग के दो प्रसिद्ध लेखकों- राजा शिव प्रसाद 'सितारे हिन्द' व राजा लक्ष्मण सिंह- ने हिन्दी के स्वरूप निर्धारण के प्रश्न पर दो सीमांतों का अनुगमन किया। राजा शिव प्रसाद ने हिन्दी का गँवारूपन दूर कर-कर उसे उर्दू-ए मुअल्ला बना दिया तो राजा लक्ष्मण सिंह ने विशुद्ध संस्कृतनिष्ठ हिन्दी का समर्थन किया।
भारतेन्दु युग (1850 ई०-1900 ई०) : इन दोनों के बीच सर्वमान्य हिन्दी गद्य की प्रतिष्ठा कर गद्य
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स्वतंत्रता के पूर्व जो छोटे-बड़े राष्ट्रनेता राष्ट्रभाषा या राजभाषा के रूप में हिन्दी को अपनाने के मुद्दे पर
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