Hindi, asked by swastikchoudhary5, 11 months ago


2.पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए.
."जैसे वायु की लहरें कटी हई पतंग को सहसा भूमि पर नहीं गिर जाने ।
देती उसी तरह खास परिस्थितियों में हमारी पोशाक हमें झुक सकने
से रोके रहती है। "

Answers

Answered by arpitasingh1571
1

jaise wayu ki lehar kati patang ko nhi girne deti ussi trh hmhari poshak hmhari khas paristhiyo mai hmhari madat krta h

Answered by djgamer8989
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Answer:

प्रस्तुत कहानी समाज में फैले अंधविश्वासों और अमीर-गरीबी के भेदभाव को उजागर करती है। यह कहानी अमीरों के अमानवीय व्यवहार और गरीबों की विवशता को दर्शाती है। मनुष्यों की पोशाकें उन्हें विभिन्न श्रेणियों में बाँट देती हैं। प्राय: पोशाक ही समाज में मनुष्य का अधिकार और उसका दर्ज़ा निश्चित करती है। वह हमारे लिए अनेक बंद दरवाज़े खोल देती है,

परंतु कभी ऐसी भी परिस्थिति आ जाती है कि हम ज़रा नीचे झुककर समाज की निचली श्रेणियों की अनुभूति को समझना चाहते हैं। उस समय यह पोशाक ही बंधन और अड़चन बन जाती है। जैसे वायु की लहरें कटी हुई पतंग को सहसा भूमि पर नहीं गिर जाने देतीं, उसी तरह खास पारिस्थितियों में हमारी पोशाक हमें झुक सकने से रोके रहती है।

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