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प्रश्न5. बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों का वर्णन कीजिए?
बाढ़ प्रबंधन हेतु सुझाव
संरचनात्मक उपाय जैसे कि तटबंध, कटाव रोकने के उपाय, जल निकास तंत्र का सुदृढ़ीकरण, तटीय सुरक्षा के लिये दीवार जैसे उपाय जो कि उस खास भू-आकृतिक क्षेत्र के लिये सर्वश्रेष्ठ हों।
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सविनय निवेदन है कि हम सब शक्ति नगर क्षेत्र के निवासी हैं। गत दिनों भयंकर वर्षा के कारण इस क्षेत्र में जगह-जगह पानी भर गया है। नालियों और सीवर के बंद होने के कारण सड़कों की बिगड़ी हुई दशा के कारण जल पाइप कहीं-कहीं कट-फट गए हैं। परिणामस्वरूप जल की बाढ़ आ गयी है। आपके विभाग के संबंधित कर्मचारी बिलकुल ही इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। यही कारण है कि इस क्षेत्र में चारों ओर जल ही जल दिखाई दे रहा है। इससे न केवल आवागमन की बहुत बड़ी असुविधा उत्पन्न हो गई है अपितु विभिन्न प्रकार की बीमारियों के भी फैल जाने की आशंका बढ़ गई है। अतएव आपसे सादर अनुरोध है कि आप इस दिशा में यथाशीघ्र उचित कदम उठाकर हमें कृतार्थ करें। इसके लिए हम सदैव अभारी रहेंगे।
राष्ट्रीय बाढ़-प्रबंधन कार्यक्रम:- सन 1954 की भीषण बाढ़ के बाद भारत सरकार ने एक राष्ट्रीय बाढ़-प्रबंधन कार्यक्रम की घोषणा की। यह कार्यक्रम तीन चरणों में विभाजित किया गया है, (1) तात्कालिक, (2) अल्पकालिक एवं (3) दीर्घकालिक। तात्कालिक बाढ़ प्रबंधन, बाढ़ से सम्बंधित आँकड़ों के संकलन तथा आपातकालीन बाढ़ सुरक्षा उपायों तक सीमित है। अल्पकालिक चरण में कुछ चुने हुए क्षेत्रों में नदियों के किनारे तटबंधों का निर्माण किया जाता है, जबकि, दीर्घकालिक चरण में वर्षा के पानी का भंडारण; नदियों, सहायक नदियों पर जलाशयों के निर्माण कार्य आदि किये जाते हैं।। इन कार्यक्रमों पर पहली योजना में 133.77 करोड़, रुपये, दूसरी योजना में 49.15 करोड़ रुपये, तीसरी योजना में 86 करोड़ रुपये, चौथी योजना में 171.8 करोड़ रुपये, पाँचवीं योजना में 298.61 करोड़ रुपये, छठीं योजना में 596.07 करोड़ रुपये तथा सातवीं योजना में 941.58 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। सन 1954 से मार्च 1989 तक लगभग 15,600 किलोमीटर लम्बे तटबंधों का निर्माण किया जा चुका है, 33,100 किलोमीटर लम्बी जल-निकासी नालियाँ खोदी गयी हैं, 765 नगर-बचाव हेतु वनरोपण कार्य किया गया है तथा 4,705 ग्रामों को ऊँचाई वाले सुरक्षित स्थानों पर बसाया गया है।