Hindi, asked by manjushaw486, 6 months ago

2. प्रत्येक अलंकार का एक-एक उदाहरण दीजिए।
1. अनुप्रास
2. यमक
3. श्लेष
4. उपमा
..
5. रूपक
6. उत्प्रेक्षा
7. अतिशयोक्ति
8. मानवीकरण​

Answers

Answered by Anonymous
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Answer:

1. अनुप्रास अलन्कर - रघु पति राघव राजा राम

2.यमक अलंकार - तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती है ।

3. श्लेश अलंकार -जे रहीम गति दीप की , कुल कपूत गति सोए

4. उपमा अलंकार - प्रात नभ था बहुत नीला शंख जैसा

5. रूपक अलंकार - पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

6. उत्प्रेक्शा अलंकार - नेत्र मानो कमल है

7. अतिश्योक्ति अलंकार - पानी परत को हाथ छुयो नहीं, नैन्न के जल सो पग धोए

8. मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के ।।।

Explanation:

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Answered by nigarg82
5

Answer:

1. जहाँ एक वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। उदाहरण:-

१ मुदित महीपति मंदिर आए

सेवक सचिव सुमन्त बुलाए

२ पीपर पात सरिस मन डोला

2. जब एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। उदाहरण:-

१ काली घटा का घमंड घटा

यहाँ पहली ‘घटा’ का अर्थ है ‘बादल’ और दूसरे घटा के अर्थ है ‘काम होना।’

3. ‘श्लेश’ शब्द का अर्थ है चिपकना। जहाँ किसी एक ही शब्द में एक से अधिक अर्थ चिपके होते हैं, वहाँ श्लेश अलंकार होता है।

१ लूट लिया माली ने उपवन

२ मधुबन की छाती को देखो, सुखी इसकी कितनी ‘कलियाँ’

4. जहाँ किसी व्यक्ति, वस्तु की तुलना किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु से किसी समानता के आधार पर की जाए, वहाँ ‘उपमा अलंकार’ होता है। उदाहरण:-

१ सीता तेरी आँखें मृग के समान चंचल है।

२ गंगा तेरा नीर अमृत सम उत्तम है।

5. जहाँ प्रस्तुत और अप्रस्तुत में बहुत अधिक समानता होने के कारण दोनों को एक समझ लिया जाता है या उपमेय पर उपमान का आरोप किया जाता, वहाँ रूपक अलंकार होता है। उदाहरण:-

१ चरण कमल बन्दौ हरी राई।

२ विष-बान बूँद से छोड़ेंगे।

6. जहाँ ‘प्रस्तुत’ पर ‘अप्रस्तुत’ की या ‘उपमेय’ पर ‘उपमान’ की सम्भावना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उदाहरण:-

१ सर फट गया उसका वहीं मानो अरुण रंग का घड़ा।

२ आगे नदियाँ पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार।

7. जहाँ किसी बात को इतना बढ़ा-चढ़ाकर कहा गया हो, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है। उदाहरण:-

१ मैं राया परदेस में, भीगा माँ का प्यार।

दुख ने दुःख से बात की, बिन चिट्टी बिन तार।

8. काव्य में जब कवि प्रकृति वर्णन करता है तो प्रकृति को इस रूप में चरित्र करता है, जैसे वह कोई ‘मानवी’ हो। ऐसे स्थलों पर मानवीकारन अलंकार होता है। उदाहरण:-

१ मेघ आए बड़े बन-ठन के संवर के।

२ जगी वनस्पतियाँ अलसाई; मुख धोतीं शीतल जल से।

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