2. पृथ्वी पर लोग क्यों बेचैन हो रहे थे? अट नहीं रही है कविता के आधार पर बताइए।
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पूरी धरती के लोग किस कारण व्याकुल और बेचैन हो रहे थे? पूरी धरती के लोग गर्मी के ताप के कारण व्याकुल और बेचैन हो रहे थे। जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं।
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