2. पत्र-लेखन
पत्र-लेखन विचारों के आदान-प्रदान को सशक्त माध्यम है। इसी के माध्यम से लोग अपने मन की बात अपने से दूर रहने वाले व्यक्ति तक पहुँचाते हैं। पत्र-लेखन एक कला है। पत्र लिखने के लिए
निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
.
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पत्र की भाषा सरल, स्पष्ट व सरस होनी चाहिए।
पत्र भेजने वाले का नाम, पता, दिनांक आदि का स्पष्ट उल्लेख होना चहिए।
परीक्षा भवन में पत्र लिखते समय अपने नाम के स्थान पर क, ख, ग लिखना चाहिए। यदि प्रश्न-पत्र में किसी के नाम का उल्लेख किया गया हो, तो वही नाम लिखना चाहिए।
पत्र प्राप्तकर्ता की आयु, संबंध, योग्यता आदि को ध्यान में रखते हुए भाषा का प्रयोग करना चाहिए।
पत्र के अंत में लिखने वाले और प्राप्त करने वाले के संबंधों के अनुरूप शब्दावली का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
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Answer:
पत्र-लेखन विचारों के आदान-प्रदान को सशक्त माध्यम है। इसी के माध्यम से लोग अपने मन की बात अपने से दूर रहने वाले व्यक्ति तक पहुँचाते हैं। पत्र-लेखन एक कला है। पत्र लिखने के लिए
निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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पत्र की भाषा सरल, स्पष्ट व सरस होनी चाहिए।
पत्र भेजने वाले का नाम, पता, दिनांक आदि का स्पष्ट उल्लेख होना चहिए।
परीक्षा भवन में पत्र लिखते समय अपने नाम के स्थान पर क, ख, ग लिखना चाहिए। यदि प्रश्न-पत्र में किसी के नाम का उल्लेख किया गया हो, तो वही नाम लिखना चाहिए।
पत्र प्राप्तकर्ता की आयु, संबंध, योग्यता आदि को ध्यान में रखते हुए भाषा का प्रयोग करना चाहिए।
पत्र के अंत में लिखने वाले और प्राप्त करने वाले के संबंधों के अनुरूप शब्दावली का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
Explanation:
I couldn't understand thus
Answer:
hiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii