Social Sciences, asked by ramadevi998756, 7 months ago

2. राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के दौरान स्थानीय षासकों की भूमिका की आलोचनात्मक व्याख्या
कीजिए।​

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Answered by Palji2324
8

Answer:

zin

Explanation:

१८५७ की क्रांति में राजस्थानी शासकों की भूमिका

राहुल तोन्गारिया

१८५७ में राजस्थान क्रांति के पूर्व जहाँ राजस्थान में अनेक शासक ब्रिटिश भक्त थे, वहीं राजपूत सामन्तों का एक वर्ग ब्रिटिश सरकार का विरोध कर रहा था। अत: उसने अपने स्वार्थों के वशीभूत होकर अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। इस अवसर पर उन्हें जनता का समर्थन भी प्राप्त हुआ। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि राजस्थान की जनता में भी ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध असंतोष की भावनाएं विद्यमान थी।

विप्लव का सूत्रपात - राजस्थान में नसीराबाद में सर्वप्रथम विप्लव का सूत्रपात हुआ, जिसके प्रमुख कारण निम्नलिखित थे -

(१) ए.जी.जी. (एजेन्ट टू गवर्नर जनरल) ने अजमेर में स्थित १५वीं बंगाल इन्फैन्ट्री को अविश्वास के कारण नसीराबाद भेज दिया था, जिसके कारण सैनिकों में असंतोष के कारण नसीराबाद भेज दिया था, जिसके कारण सैनिकों में असंतोष उत्पन्न हो गया।

(२) अंग्रेजों ने फस्र्ट बम्बई लांसर्स के सैनकों से नसीराबाद में गश्त लगवाना प्रापम्भ कर दिया व बारुद भरी तौपें तैयार करवाई, जिसके कारण सैनिकों में असंतोष व्याप्त हो गया।

(३) २८ मई, १८५७ ई. को नेटिव इन्फैक्ट्री के सैनिकों ने नसीराबाद में विद्रोह कर दिया। अन्य टुकड़ियाँ भी उनके समर्थन में आ गयी। उन्होंने कई अंग्रेजों को मार डाला तथा उनके

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