Hindi, asked by rubigarg2611, 1 month ago

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रिपु समक्ष तुम हुएावनत जितना हो।
में जब एक नाद भी नहीं उठा सागर से।
पूज, दासता ग्रहण की बाँध मूढ़ बंधन में।
का कार्य चमकता उसके पीछे एक जगमग है।
सही कथन के सामने(/) तथा गलत के सामने (x) लगाइए-
क्षमा निर्वल का ही शोभता है।
कौरव न्याय के पक्षधर थे।
विष रहित साँप भी प्राण घातक हो सकता है।
आवश्यकवश शक्ति का प्रदर्शन आवश्यक हो जाता है।
लिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
कौरवों और पांडवों की आपसी शत्रुता का मुख्य कारण क्या था?
रवों ने पांडवों को कायर क्यो समझा?​

Answers

Answered by Yogirajaditya
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Answer:

I will answer

but first mark as BRAINIEST

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