2.
रजितपदस्य उचितं विच्छेदं चित्वा लिखत। (रंगीन पद
(क) नमस्तुभ्यम्।
'ख) कक्षायाम् देवोऽस्ति न वा?
(ग) निस्सहायानाम् सहायतां कुरु।
(घ) हे ईश! मम मनोरथम् पूरय।
(ङ) दुर्जनस्य संगतिः न करणीया।
(च) शिष्या एते सुशीलाः सन्ति।
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पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।
पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।
पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई होते हैं जिनका अर्थ होता है।
पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई होते हैं जिनका अर्थ होता है।पद – जब कोई शब्द व्याकरण के नियमों के अनुसार प्रयुक्त हो जाता है तब उसे पद कहते हैं।
पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई होते हैं जिनका अर्थ होता है।पद – जब कोई शब्द व्याकरण के नियमों के अनुसार प्रयुक्त हो जाता है तब उसे पद कहते हैं।उदाहरण-राम, पत्र, पढ़ना – शब्द हैं।
पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई होते हैं जिनका अर्थ होता है।पद – जब कोई शब्द व्याकरण के नियमों के अनुसार प्रयुक्त हो जाता है तब उसे पद कहते हैं।उदाहरण-राम, पत्र, पढ़ना – शब्द हैं।राम पत्र पढ़ता है।
पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई होते हैं जिनका अर्थ होता है।पद – जब कोई शब्द व्याकरण के नियमों के अनुसार प्रयुक्त हो जाता है तब उसे पद कहते हैं।उदाहरण-राम, पत्र, पढ़ना – शब्द हैं।राम पत्र पढ़ता है।राम ने पत्र पढ़ा-इन दोनों वाक्यों में अलग-अलग ढंग से प्रयुक्त होकर राम, पत्र और पढ़ता है पद बन गए हैं।
पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई होते हैं जिनका अर्थ होता है।पद – जब कोई शब्द व्याकरण के नियमों के अनुसार प्रयुक्त हो जाता है तब उसे पद कहते हैं।उदाहरण-राम, पत्र, पढ़ना – शब्द हैं।राम पत्र पढ़ता है।राम ने पत्र पढ़ा-इन दोनों वाक्यों में अलग-अलग ढंग से प्रयुक्त होकर राम, पत्र और पढ़ता है पद बन गए हैं।पद-परिचय- वाक्य में प्रयुक्त पदों का विस्तृत व्याकरणिक परिचय देना ही पद-परिचय कहलाता है।
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