Hindi, asked by misbahurrahman8155, 2 months ago

2.
“साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप ।
जाके हृदय साँच है, ताके हृदय आप।।"
इन पंक्तियों में किस भाषा का प्रयोग हुआ है?
(a) अपभ्रंश भाषा
(b) अवधी भाषा
(e) खड़ी बोली
(d) सधुक्कड़ी भाषा​

Answers

Answered by riyaverma9490
14

Answer:

सधुक्कड़ी भाषा

Explanation:

इन पंक्तियों का अर्थ कबीर दास जी इस दोहे में कहते हैं इस जगत में सत्य के मार्ग पर चलने जैसी कोई तपस्या नहीं और झूठ से बड़ा कोई पाप कर्म नहीं। जिसके हृदय में सत्य रम जाता है वहाँ हरी का वास ना हो ऐसा हो नहीं सकता यानी उसके मन में सदैव हरी का वास होता है।

Answered by kishansainii7733
1

is pankti mein avadhi Bhasha ka prayog hua hai

Explanation:

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