Hindi, asked by govind1721, 4 months ago

2.
संतों भाई आई ग्याँन की
आँधी रे।
भ्रम की टाटी सबै उड़ाँनी, माया रहै न बाँधी।।
हिति चित्त की द्वै यूँनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा।
त्रिस्नाँ छाँनि परि घर ऊपरि, कुबधि का भाँडाँ फूटा।।
जोग जुगति करि संतौं बाँधी, निरचू चुवै न पाँणी।
कूड़ कपट काया का निकस्या, हरि की गति जब जाँणी
आँधी पीछे जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ।
कहै कबीर भाँन के प्रगटे उदित भया तम खीना।​

Answers

Answered by poonamkri95041
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Answer:

kabir dash gyan ki and hi gyan ka prakash

Explanation:

kabir sabd

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