Hindi, asked by sadiyafathma, 2 months ago

2. सही वाक्यों के सामने सही (/)का तथा गलत वाक्यों के सामने गलत (7)का चिह्न
(क) संबंधबोधक शब्द पाँच प्रकार के होते हैं।
(ख) पर, को, की, ने आदि शब्द रूढ़ संबंधबोधक शब्द हैं।
(ग) विरोध प्रकट करने वाले शब्दों को साधनवाचक कहते हैं।
(घ) संबंधबोधक शब्दों का प्रयोग केवल विभक्तियों के साथ ही किया जाता है।
(ङ) रचना के आधार पर से संबंधबोधक शब्द दो ही प्रकार के होते हैं।
3. सही मिलान कीजिए-
उद्देश्यवाचक
समेत
विरोधवाचक
हेतु
संग्रहवाचक
चारों ओर
प्रतिकूल
तलनावाचक
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Answers

Answered by kashyap200180
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पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।

शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।

शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई होते हैं जिनका अर्थ होता है।

पद – जब कोई शब्द व्याकरण के नियमों के अनुसार प्रयुक्त हो जाता है तब उसे पद कहते हैं।

उदाहरण-राम, पत्र, पढ़ना – शब्द हैं।

राम पत्र पढ़ता है।

राम ने पत्र पढ़ा-इन दोनों वाक्यों में अलग-अलग ढंग से प्रयुक्त होकर राम, पत्र और पढ़ता है पद बन गए हैं।

पद-परिचय- वाक्य में प्रयुक्त पदों का विस्तृत व्याकरणिक परिचय देना ही पद-परिचय कहलाता है।

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व्याकरणिक परिचय क्या है?

वाक्य में प्रयोग हुआ कोई पद व्याकरण की दृष्टि से विकारी है या अविकारी, यदि बिकारी है तो उसका भेद, उपभेद, लिंग, वचन पुरुष, कारक, काल अन्य शब्दों के साथ उसका संबंध और अविकारी है तो किस तरह का अव्यय है तथा उसका अन्य शब्दों से क या संबंध है आदि बताना व्याकरणिक परिचय कहलाता है।

पदों का परिचय देते समय निम्नलिखित बातें बताना आवश्यक होता है –

संज्ञा–तीनों भेद, लिंग, वचन, कारक क्रिया के साथ संबंध।

सर्वनाम-सर्वनाम के भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया से संबंध।

विशेषण-विशेषण के भेद, लिंग, वचन और उसका विशेष्य।

क्रिया-क्रिया के भेद, लिंग, वचन, पुरुष, काल, वाच्य,धातु कर्म और कर्ता का उल्लेख।

क्रियाविशेषण-क्रियाविशेषण का भेद तथा जिसकी विशेषता बताई जा रही है, का उल्लेख।

समुच्चयबोधक-भेद, जिन शब्दों या पदों को मिला रहा है, का उल्लेख।

संबंधबोधक-भेद, जिसके साथ संबंध बताया जा रहा है, का उल्लेख।

विस्मयादिबोधक-हर्ष, भाव, शोक, घृणा, विस्मय आदि किसी एक भाव का निर्देश।

सभी पदों के परिचय पर एक संक्षिप्त दृष्टि –

सभी पदों को मुख्यतया दो वर्गों में बाँटा जा सकता है –

अ. विकारी

ब. अविकारी शब्द या अव्यय

अ. विकारी

इस वर्ग के पदों में लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण विकार आ जाता है। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रियाविशेषण विकारी पद हैं।

1. संज्ञा- किसी प्राणी, व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।

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