2.
*समय का सदुपयोग*
संकेत-बिंदु –
प्रस्तावना
समय का अधिकाधिक उपयोग
प्रकृति से सीख
समय नियोजन का महत्त्व
आलस्य समय के सदुपयोग में बाधक
उपसंहार
Answers
Answer:संकेत-बिंदु –
प्रस्तावना
समय का अधिकाधिक उपयोग
प्रकृति से सीख
समय नियोजन का महत्त्व
आलस्य समय के सदुपयोग में बाधक
उपसंहार
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
प्रस्तावना – मनुष्य अपने जीवन में बहुत कुछ कमाता है और बहुत गँवाता है। उसे प्रत्येक वस्तु परिश्रम के उपरांत प्राप्त होती है, परंतु प्रकृति ने उसे समय का अमूल्य उपहार मुफ़्त दिया है। इस उपहार की अवहेलना करके उसकी महत्ता न समझने वालों को एक दिन पछताना पड़ता है क्योंकि गया समय लौटकर वापस नहीं आता है। जो समय बीत गया उसे किसी हाल में लौटाया नहीं जा सकता है।
समय नियोजन का महत्त्व – समय ऐसी शक्ति है जिसका वितरण सभी के लिए समान रूप से किया गया है, परंतु उसका लाभ वही उठा पाते हैं जो समय का उचित नियोजन करते हैं। प्रकृति ने किसी के लिए भी छोटे दिन नहीं बनाया है परंतु नियोजनबद्ध तरीके से काम करने वाले हर काम के लिए पूरा समय बचा लेते हैं और अनियोजित तरीके से काम करने वालों का काम समय पर पूरा न होने से समय की कमी का रोना रोते हैं। समय का नियोजन न करने वालों को समय पीछे ढकेल देता है और समय का सदुपयोग करने वाले सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते हैं।
महापुरुषों की सफलता का रहस्य उनके द्वारा समय का नियोजन ही है जिससे वे समय पर अपने काम निपटा लेते हैं। गांधी जी समय के एक-एक क्षण का सदुपयोग करते थे। वे अपनी दिनचर्या के अनुरूप रोज़ का काम रोज़ निपटाने के लिए तालमेल बिठा लेते थे। विद्यार्थी जीवन में समय का सदुपयोग और उसके नियोजन का महत्त्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इसी काल में उसे विद्यार्जन के अलावा शारीरिक और चारित्रिक विकास पर भी ध्यान देना होता है।
इसके लिए उसे हर विषय के अध्ययन के लिए समय निकालना पड़ता है ताकि कोई विषय छूट न जाए। इसके अलावा उसे खेलने और अन्यकार्यों के लिए भी समय विभाजन करना पड़ता है। जो विद्यार्थी समय का उचित विभाजन नहीं करते वे सफलता नहीं प्राप्त कर पाते। आज का काम कल पर छोड़ने वाले विदयार्थी भी सफलता से कोसों दूर रह जाते हैं। फिर किस्मत का रोना रोने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं बचता है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए ही कहा गया है कि –
अब पछताए होत का, जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत।
समय का अधिकाधिक उपयोग – समय का महत्त्व और मूल्य समझकर हमें इसका अधिकाधिक उपयोग करना चाहिए। हमें एक बात यह सदैव ध्यान रखना चाहिए कि Time and tide wait for none अर्थात समय और ज्वार किसी की प्रतीक्षा नहीं करते हैं। वे अपने समयानुसार आते-जाते रहते हैं। यह तो व्यक्ति के विवेक पर निर्भर करता है कि वे उनका उपयोग करते हैं या सदुपयोग। समय के बारे में एक बात सत्य है कि समय किसी की भी परवाह नहीं करता। यह किसी शासक, राजा या तानाशाह के रोके नहीं रुका है। जिन लोगों ने समय को नष्ट किया है, समय उनसे बदला लेकर एक दिन उन्हें अवश्य नष्ट कर देता है।
इस क्षणभंगुर मानव जीवन में काम अधिक और समय बहुत कम है। नेपोलियन और सिकंदर महान ने समय के पल-पल का उपयोग किया। समय पर बिना चूके अपने शत्रुओं-पर हमला किया और विजयश्री का वरण किया। समय पर हमले का जवाब न देने वाले, शत्रुओं को समय देने वाले शासक के हाथ पराजय ही लगती है। आतंकियों द्वारा लगाए बम को समय पर नष्ट न करने का कितना भीषण परिणाम होगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है। समय के एक-एक पल की कीमत समझते हुए संत कबीर दास ने ठीक ही लिखा है –
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलै होयगी, बहुरि करेगा कब॥
आलस्य समय के सदुपयोग में बाधक – कुछ लोग समय का उपयोग तो करना चाहते हैं, परंतु आलस्य उनके मार्ग में बाधक बन जाता है। यह मनुष्य को समय पर काम करने से रोकता है। आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। कहा भी गया है, “आलस्यो हि मनुष्याणां शरीरस्थो महारिपुः”। जो लोग बुद्धिमान होते हैं वे खाली समय का उपयोग अच्छी पुस्तकें पढ़ने में करते हैं इसके विपरीत मूर्ख अपने समय का उपयोग सोने और झगड़ने में करते हैं। कहा भी गया है –
काव्य शास्त्र विनोदेन कालो गच्छति धीमताम।
व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रांकलहेन वा॥
उपसंहार – प्रकृति ने समय का बँटवारा सभी के लिए बराबर किया है। हमें चाहिए कि हम इसी समय का उचित नियोजन करें और प्रत्येक कार्य को समय पर निपटाने का प्रयास करें। आज का कार्य कल पर छोड़ने की आदत आलस्य को बढ़ावा देती है। हमें समय का उपयोग करते हुए सफलता अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए।
Explanation:
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Sociology is the study of groups and group interactions, societies and social interactions, from small and personal groups to very large groups. A group of people who live in a defined geographic area, who interact with one another, and who share a common culture is what sociologists call a society.