Hindi, asked by jokerjm2226, 9 hours ago

2. सप्रसंग व्याख्या:-
मधुप गुन-गुनाकर कह जाता कौन कहानी अपनी यह
मुरझाकर गिर रही परित्याँ देखों कितनी आज घनी।
इस गंभीर अनंत-निलीमा में असंख्य जीवन इतिहास
यह लो करते हो रहते अपने व्यंग्य मलिन उपहास​

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Answered by intelligentpaglu2
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Answer:

उत्तर : मुरझाकर गिर रही पत्तियों की कवि ने जीवन की निराशाओं और दुखों के रूप में कल्पना की हैं

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