2.
ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए-
बावड़ी की उन धनी गहराइयों से शून्य
ब्रहाराक्षस एक बैठा है,
व भीतर से उमड़ती गज की भी गूंज
गहन अनुमानिता
तन की मलिनता
दूर करने के लिए प्रतिपल
पाप-छाया दूर करने के लिए, दिन-रात।
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sorry not coming answer
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आंसर आंसर
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