Hindi, asked by praveenandroidmobile, 6 months ago

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धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।।5​

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Answered by Anonymous
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Answer:

धरती की सी रीत है, सीत घाम औ मेह ।

जैसी परे सो सहि रहै, त्‍यों रहीम यह देह॥

Explanation:

अर्थ : इस दोहे में रहीम दास जी धरती के साथ-साथ मनुष्य के शरीर की सहन शक्ति का वर्णन किया हैं। वो कहते हैं इस शरीर की सहने की शक्ति धरती समान है जिस प्रकार धरती सर्दी-गर्मी वर्षा की विपरीत परिस्तिथियों को झेल लेती है उसी प्रकार मनुष्य का शरीर भी जीवन में आने वाले सुख-दुख लप सहने की शक्ति रखता है।

CLASS - 7 HINDI CHAPTER - RAHIM KE DOHE

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