2. उपन्यास की विकास यात्रा का संक्षिप्त परिचय देते हुए प्रेमचंद के योगदान का वर्णन कीजिए।
(शब्द सीमा : 300 - 350)
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प्रेमचंद युगीन उपन्यास साहित्य में आदर्शवाद के साथ भावुकता व भारतीय आदर्श को प्रस्तुत किया गया है। यह युग उपन्यास साहित्य की दृष्टि से अनूठा युग है। इस युग में कथानक ,घटनाक्रम,भाव-विचार ,भाषा की दृष्टि से अनेक परिवर्तन दिखाई दिए।
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