Hindi, asked by manishathakur1041979, 1 month ago

2. उपरोक्त काव्यपंक्तियों में पर्यायवाची शब्दों का उपयोग करके होनेवाले परिवर्तन के साथ काव्य पंक्तियाँ फिर से लिखिए।​

Answers

Answered by rimpa0227
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Answer:

जब काव्य में शब्दों के माध्यम से काव्य सौंदर्य में वृद्धि की जाती है, तब उसे शब्दालंकार कहते हैं। इस अलंकार में एक बात रखने वाली यह है कि शब्दालंकार में शब्द विशेष के कारण सौंदर्य उत्पन्न होता है। उस शब्द विशेष का पर्यायवाची रखने से काव्य सौंदर्य समाप्त हो जाता है; जैसे –

कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय।

यहाँ कनक के स्थान पर उसका पर्यायवाची ‘गेहूँ’ या ‘धतूरा’ रख देने पर काव्य सौंदर्य समाप्त हो जाता है।

शब्दालंकार के भेद:

शब्दालंकार के तीन भेद हैं –

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