(2)
विज्ञापन और हमारा जीवन
संकेत-बिंदु
युग
में विज्ञा
आज के
Answers
Answer:
Hindi): हम विज्ञापन और जीवन के बीच के सम्बन्ध को समझे इससे पूर्व हमें जानना होगा कि विज्ञापन का अर्थ क्या हैं. दरअसल यह एक प्रचार माध्यम है जो वस्तु या सेवा को अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को आकर्षित करता हैं.
हम विज्ञापन के होड़ की ऐसी दुनिया में जी रहे हैं. जहाँ से घर से निकलने के बाद हमारे आकर्षण के पूरे बंदोबस्त किये होते हैं. बोर्ड, होर्डिंग, तस्वीर, बेनर की शक्ल में पूरा बाजार विज्ञापनों से अटा पड़ा नजर आता हैं.
विज्ञापन के लिए अंग्रेजी शब्द Advertising का बहुतायत उपयोग होता हैं. जो लेटिन भाषा के एडवरटेरे से बना है जिसका आशय होता है दिमाग का आकर्षित होना. इसे सरल शब्दों में समझे तो यह वस्तु प्रचार का ऐसा सरल माध्यम है जिसके जरिये उपभोक्ताओं के मस्तिष्क को आकर्षित किया जाता हैं. हिंदी के दो शब्दों वि और ज्ञापन से विज्ञापन बना हैं. वि का अर्थ होता है विशेष जबकि ज्ञापन से आशय है सूचना अथवा ज्ञान. अर्थात किसी विशेष ज्ञान या जानकारी को देना विज्ञापन कहलाता हैं.
विज्ञापन का उद्देश्य – किसी उत्पाद अथवा ब्रांड के अधिकतम प्रसार और प्रचार के लिए जिस सार्वजनिक माध्यम का उपयोग किया जाता हैं. उसे हम विज्ञापन कहते हैं. इसका उद्देश्य सम्बन्धित वस्तु, उत्पाद सेवा का उपभोक्ताओं तक फैलाना होता हैं. इसके मूल में आर्थिक लाभ, व्यापार, ब्रांड व कम्पनी की लोकप्रियता में वृद्धि करना होता हैं.
विज्ञापनों का सामाजिक जीवन पर प्रभाव- विज्ञापन की मायावी दुनिया का मूल लक्ष्य सम्बन्धित सेवा को उसके उपभोक्ताओं तक पहुंचाना होना हैं. वस्तु की गुणवत्ता, दोष के इसका कोई सम्बन्ध नहीं होता हैं इस लिए कहा जाता है जो दीखता है वही बिकता हैं. आज लोग गुणवत्ता की परख को छोड़कर विज्ञापन की हस्ती के कथनानुसार ही खरीद करते नजर आ रहे हैं.
विज्ञापन ही बाजार की मांग का निर्धारण कर रहे हैं. आज के भड़कीले और चमक दमक वाले ऐड आम आदमी को मुर्ख बनाने की होड़ में लगे हैं. जो जितने अधिक लोगों को मूर्ख बना सकता हैं वही अधिक माल कमाता हैं खासकर अपरिपक्व बच्चों के दिमाग के साथ खेलना इन्हें बेहद पसंद होता हैं. आमतौर पर विज्ञापनों को इस तरह से तैयार किया जाता है जिससे महिला व बच्चों को अधिक आकर्षित किया जा सके.
विज्ञापनों के विविध प्रकार – एक व्यक्ति के जन्म से मरण तक आवश्यक समस्त वस्तुएं आज विज्ञापन के जरिये प्रसारित की जाती है. जिसमें खाने पीने की चीजे, पहनावे के वस्त्र जूते, सरकारी योजनाएं अभियान, रेलियाँ, कार्यक्रम, विवाह, नौकरी, खरीद बिक्री से जुड़े लुभावने विज्ञापन बनाए जाते हैं. सभी आयुवर्ग की सीमा को लांघकर यह सार्वजनिक प्रचार किया जाता हैं. पान मसाले से लेकर कंडोम तक के प्रसार होते हैं.
हमारे जीवन को प्रभावित करने में विज्ञापनों की भूमिका- आज के प्रतिस्पर्धा के युग में बाजार एक ही उत्पाद के सैकड़ों ब्रांड से भरे पड़े हैं. ग्राहक अपनी आवश्यक की वस्तु किस ब्रांड की खरीदे उनके इस निर्णय में विज्ञापन अपनी अहम भूमिका अदा हैं. यदि व्यक्ति को नहाने का साबुन चाहिए, दूध, घी, आटा चाहिए तो वह लक्ष, अमूल, पतंजली के उत्पाद को ही अमूमन खरीदता हैं क्योंकि यह उन्ही के बारे में विज्ञापनों से जान पाया हैं.
विज्ञापनों का दायित्व – इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता, कि आज के बाजार में विज्ञापन एक अहम स्तम्भ के रूप में स्थापित हो चूका हैं. आमतौर पर देखा गया हैं. गलत सूचनाओं एवं भ्रामक प्रसार के जरिये दूषित और गुणवत्ता हीन वस्तुओं को बेचा जाने लगा हैं. कोका कोला, पेप्सी या थम्स अप ये पेय पदार्थ मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं मगर इस पहलू को छिपाकर हस्तियाँ इसके प्रोत्साहन के लिए विज्ञापन करती हैं. सरकार एवं समाज को चाहिए कि लोगों को गलत एवं भ्रामक संदेश के जरिये बेवकूफ बनाने वाली कम्पनि व लोगों को सबक सिखाया जाए.
निष्कर्ष – विज्ञापन एक अच्छा और बुरा माध्यम हैं यह हमारे उपयोग, निर्णय शक्ति पर निर्भर करता हैं मगर निसंदेह यह प्रभावी प्रसार का सबसे बड़ा माध्यम हैं. समाज इसका सदुपयोग करते हुए हानिकारक प्रभावों से काफी हद तक बच सकता हैं.
Explanation:
आइंस्टाइन ने विज्ञान के संबंध में कहा था कि? आविष्कार जहां मनुष्य के लिए वरदान है, वही अभिशाप भी है। आधुनिक युग को विज्ञान युग की संज्ञा दी गई है। आधुनिक युग और मानव की प्रगति का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह है विज्ञान विज्ञान का अर्थ है। विशेष ज्ञान इस ग्रुप में किसी भी विशेष की। क्रम बद्ध। व्यवस्थित ज्ञान को विज्ञान कहा जाता है लेकिन विज्ञान का अभिप्राय। उस विशिष्ट ज्ञान से लिया जाता है जिसे विभिन्न प्रयोगों तथा परीक्षणों के माध्यम से प्रयोगशालाओं में प्रमाणित करके दिखाया जाता है। इसमें संभावना या कल्पना का कोई स्थान नहीं होता। विज्ञान के अंतर्गत किसी भी निष्कर्ष पर तर्कपूर्ण ढंग से काफी विस्तृत हो चुका है। विगत 10 दशकों में विभिन्न क्षेत्रों। में विज्ञान की अभूतपूर्व समुन्नति। हुई है इसमें चिकित्सा यातायात युद्ध सामग्री। कृषि शिक्षा आदि हैं। विज्ञान ने मानव जीवन को गहरे रूप से प्रभावित किया है। जीवन का शायद ही कोई क्षेत्र होगा जहां विज्ञान ने जीवन के ढांचे में आमूलचूल। परिवर्तन नहीं किया हो विज्ञान में अगर मनुष्य को सभी प्रकार की भौतिक सुविधाएं प्रदान की है तो उसकी बौद्धिक मानसिक शक्ति का भी विस्तार किया है। विज्ञान के तर्क आश्रित। दृष्टिकोणने ने पुरानी रेडियो, मान्यताओं, परंपराओं तथा अंधविश्वासों को समाप्त करने का काम किया है। इससे? छुआछूत बाल विवाह! नरबलि जैसी सामाजिक कुरीतियों से लोगों को मुक्ति मिली है। इससे प्राणी तथा संसार के प्रति एक यथार्थवादी दृष्टि विकसित हुई है जिससे नए विचार नई चेतना तथा नहीं सभ्यता ने जन्म लिया है। इसलिए विज्ञान हमारे लिए लाभकारी भी है और हानिकारक भी है।