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vचाल से पूर्व की ओर चलता हुआ m द्रव्यमान का एक
कण समान द्रव्यमान तथा समान चाल से उत्तर की ओर
चलते हुए एक-दूसरे कण से टकरा जाता है तथा दोनों कण
परस्पर चिपक जाते हैं। इस 2m द्रव्यमान के नये कण की
चाल होगी।
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6.1- एक इलेक्ट्राॅन एवं एक प्रोटाॅन पारस्परिक बलों के प्रभाव से गतिमान हैं। गति के दौरान इस तंत्र की गतिज ऊर्जा के परिवर्तन की गणना करते समय हम एक के द्वारा दूसरे पर लगने वाले चुंबकीय बलों की उपेक्षा कर देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि,
(a) दोनों चुंबकीय बल परिमाण में बराबर और दिशाओं में विपरीत होते हैं इसलिए वे कोई नेट (परिणामी) प्रभाव उत्पन्न नहीं करते।
(b) चुंबकीय बल इन दोनों में से किसी भी कण पर कोई कार्य नहीं करते।
(c) चुंबकीय बल प्रत्येक कण पर बराबर (परंतु शून्येतर) और विपरीत कार्य करते हैं।
(d) चुंबकीय बल अनिवार्यतः नगण्य होते हैं।
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