20.1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
हमारे देश में जातिवाद सबसे जटिल समस्या है। यह समस्या स्वस्थ राष्ट्रीयता के पनपने में बहुत बड़ा बाधक तत्व है।
कहना कठिन है कि जाति-प्रथा देश में जन्मी इतिहासकार यह मानते है कि जब आर्य भारतवर्ष में आए, उस समय उनका
सम्मिलन यहाँ के देशवासियों से हुआ। इस तरह प्रारंभ में दो ही सांस्कृतिक समूह थे- आर्य और अनार्य। यह भेद जाति
और संस्कृति का था। जो केवल आर्यों और अनार्यों तक सीमित नहीं रहा अपितु धीरे-धीरे आर्यों में भी भेद होने लगा और
चार जातियों का प्रादुर्भाव हुआ यह जाति-व्यवस्था और व्यवसाय पर आधारित थी, न कि जन्म पर, कालांतर में
जाति-प्रथा जन्म और वंश से संबंधित हो गई। हमारे संविधान के निर्माता यह जानते थे कि जाति प्रथा और लोकतंत्र एक
साथ नहीं रह सकते हैं। उन्होनें संविधान में इस तरह के नियम बनाए जिनके द्वारा किसी भी नागरिक के विरूद्ध जाति
के आधार पर भेद-भाव या पक्षपात न हो सके। यह स्थिति दुखद है कि जातिवाद के अनुसार सभी जातियों के व्यवसाय
पूर्व निर्धारित होते है। इस प्रकार की व्यवस्था सामाजिक न्याय के विपरीत है। जो भी राष्ट्र का हित चाहते हैं, वे जातिवाद
का डटकर मुकाबला करें और उसके उन्मूलन में सहयोग दें।
।
1. भारत में किस समस्या को जटिल माना जाता है?
2. प्रांरभ में भारत में कौन-कौन से सांस्कृतिक समूह थे?
(1)
3. जाति व्यवस्था का विकास किस प्रकार हुआ?
(2)
4. संविधान में जाति-प्रथा का क्या संदर्भ हैं?
(1)
खण्ड
Answers
Answered by
0
Answer:
1.Bharat me jatiwad samasya ko sabse jatil mana jata hai
2. Prarambh me 2 sanskritik samuh the :- Arya and Anarya
Similar questions