20 अनुनासिक और अनुस्वार शब्द लिखे जो केवल भारत के विभिन्न स्थानों के नाम पर आधारित हो ।
Answers
अनुस्वार
अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।
इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसे
संचरण = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + र् + अ + ण् + अ
संभव = स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ ।
संघर्ष = स् + अं(अ + ङ्) + घ् + अ + र् + ष् + अ
संचयन = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + य् + अ + न् + अ
अनुनासिक
ध्यान दें- अनुनासिक की जगह अनुस्वार और अनुस्वार की जगह अनुनासिक के प्रयोग से शब्दों के अर्थ में अंतर आ जाता है,जैसे –
हँस (हँसने की क्रिया)
हंस (एक पक्षी)।
हैं = ह + एँ
मैं = म् + एँ
में = म् + एँ
कहीं = क् + अ + ह् + ईं
गोंद = ग् + ओं + द् + अ
भौंकना = भ् + औं + क् + अ + न् + आ
पोंगल = प् + औं + ग् + अ + ल् + अ
जोंक = ज् + औं + क् + अ
शिरोरेखा के ऊपर मात्रा न होने पर इसे चंद्रबिंदु के रूप में ही लिखा जाता है; जैसे-आँगन, आँख, कुँआरा, चूंट आदि।
Explanation:
I hope it is helpful .
mark me as brainlist .
Answer:
(घ) चीता' का प्रयोग सदैव स्त्रीलिंग रूप में किया जाता है।
(ङ) 'डॉक्टर' स्त्रीलिंग शब्द है।
4.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदलकर लिखिए-
(क) वृद्ध
(ख) रस्सी
(ग) आयुष्मती
(घ) नाई
(ङ) बाघ
(च) पुत्रवान
(छ) अभिनेत्री
(ज) गुड़िया
निम्नलिखित प्रत्ययों से बननेवाले दो-दो स्त्रीलिंग शब्द लिखिए-
(क) इया
(ख) आनी
(ग) वती
5.
(घ) इन
(ङ) मती
Explanation: