20. हमने अपने भीतर बैठे हुए अन्तर्यामी देवता की उपेक्षा की है। उन्हीं को जगाओ, उन्हीं की शरण में जाओ।
लेखक का भीतर बैठे हुए अन्तर्यामी देवता से क्या तात्पर्य है तथा उनके जागने पर व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा
होगा? एक शब्दचित्र खींचिए।
अंक-2 (उत्तर सीमा- अधिकतम 80 शब्द)
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ga to hum dono ko bhi group pe hi banaye hain na to hum dono ko bhi group pe hi banaye hain na to hum dono ko bhi group pe hi banaye hain na to hum dono ko bhi group pe Tttttttttt
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