Hindi, asked by richage4444, 1 year ago

20. निम्न गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए |
आज समूचा विश्व धर्मांधता की आग में जलता नज़र आ रहा है | दुर्भाग्य की बात यह है कि धार्मिक विश्वासों के मामले में जहाँ आमने-
सामने के दोनों ही पक्ष अपने शिक्षित एद ज्ञानी होने का दावा पेश करते हैं, वहीं उनके पूर्वाग्रह इस बात का प्रमाण पेश करते हैं कि
उनकी बातों में मात्र जिद, अपने विश्वासों को दूसरे पर थोपने तथा अपने ही संप्रदाय का प्रचार-प्रसार करने तथा ईश्वर को
सीमित दायरों में रखकर पेश करने के सिवाय और कुछ नहीं। एक सच्चे धार्मिक व्यक्ति का पहला लक्ष्य यह है कि उसकी सोच ।
असीमित होगी | उसकी सोच उसे अयोध्या , काबा, काशी , चर्च, गुरुद्वारे तक सीमित नहीं रखेगी | सभी धर्मों के प्रवर्तक असीनित
विचारधाराओं के त्वामी थे | सभी ने ईश्वर को असीम बताया | इंसान के कर्मों तथा उसकी अच्छाइयों-बुराइयों के आधार पर इंसान का
वर्गीकरण हुआ, न कि जाति व धर्म के आधार पर |
क) सभी धर्मों के प्रवर्तकों में क्या समानता थी ?
| ख ) वर्तमान समय में दुर्भागय की बात क्या हैं?
ग ) एक सच्चे धार्मिक व्यक्ति की सोच असीमित होती है - इस कथन से लेखक क्या समझाना चाहते है ?
घ) समाज का वर्गीकरण मूलतः किस आधार पर किया गया था ?
ङ) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |







pls guysss​

Answers

Answered by Anonymous
0

Answer:

too long yarr. ...........

..

..

....


richage4444: don't answer then
Answered by jwen
0

I know the answers but I can't write in Hindi..


richage4444: koi baat nhi aise hi likh do
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