20- निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए
मनुष्य का जीवन बहुत संघर्षमय होता है। उसे पग-पग पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस पृथ्वी पर हुई मानो धरती का रूप ही
बदल गया है। यह संसार कर्म करते रहने वाले मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है। देवता भी उनसे
ईर्ष्या करते हैं। मनुष्य अपने कर्मबल के कारण श्रेष्ट है। धन्य है मनुष्य का जीवन ।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ii) उपर्युक्त गद्यांश का साराश लिखिए।
(iii) मनुष्य किस कारण श्रेष्ठ माना गया hai
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2) उपर्युक्त गद्यांश का साराश लिखिए।
उत्तर: उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक चुनिए | * (क) श्रेष्ठ संपत्ति : धन (ख) श्रेष्ठ संपत्ति : वैभव (ग) श्रेष्ठ संपत्ति : सच्चरित्र (घ) वैभव।
3.मनुष्य किस कारण श्रेष्ठ माना गया है?
उत्तर: मनुष्य अपने कर्मबल के कारण श्रेष्ट है|
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