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माला तो कर में फिरै, जीभि फिरै मुख माँहि।
मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै, यह तो सुमिरन नाहिं।3।।
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Answer:
माला तो कर में फिरे, जीभ फिरे मुख माहि |
मनुआ तो चहुं दिश फिरे, यह तो सुमिरन नाहि ||
The rosary rotating by the hand (or) the tongue twisting in the mouth,
With the mind wandering everywhere, this isn't meditation (Oh uncouth!).
MEANING
Counting the Rosary, Repeating Mantras, If the Mind is Traveling - this is not meditation. So control the mind, not the beads or the words.
Answered by
17
this sakhi is written by Kabir das ji
Explanation:
it means that
माला तो हाथ में फिरता है, और जीभ मुह में
लेकिन मन तो चारो दिशाओं में फिरता है इसलिए हमेशा दिमाग को नियंत्रण में रखकर ही ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए।।
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