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संत काव्य में किस रस की प्रधानता है ?
(A) शृंगार
(B) शान्त
(C) करुण
(D) वीर
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संत काव्य में किस रस की प्रधानता है ?
इसका सही जवाब है :
(B) शान्त रस
व्याख्या :
संत काव्य में शांत रस की प्रधानता है |
शान्त रस संसार से वैराग्य होने पर, परमात्मा के वास्तविक रूप का ज्ञान होता है और मन को जो शान्ति मिलती है वहाँ शान्त रस कि उत्पत्ति होती है जहाँ न दुःख होता है, न द्वेष होता है मन सांसारिक कार्यों से मुक्त हो जाता है मनुष्य वैराग्य प्राप्त कर लेता है शान्त रस कहा जाता है |
इसका उदाहरण है जब मनुष्य के मन में आनंद का अभाव हो उसे रस कहते हैं और जब मनुष्य का पूरा ध्यान अध्यात्मिक की और लग जाता है और दुनिया से मोह खत्म होने का भाव उत्पन्न हो जाता है उसके मन को शान्ति प्राप्त होती है उसे शांत रस कहते है |
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