20 वाक्य हिंदी से संस्कृत में
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संस्कृत भाषा भारतीय उपमहाद्वीप की एक प्राचीन भाषा है। संस्कृत को देववाणी यानि देवोंद्वारा बोली जाने वाले भाषा भी कहा जाता है। संस्कृत भाषा एक हिंद-आर्य भाषा है। भारत की बहुतांश भाषा जैसे- हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं।हिन्दू धर्म के सभी पौराणिक ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखे गए है। बौद्ध धर्म या जैन धर्म के कही ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखे गए है। यह भाषा उत्तराखंड की द्वितीय राज्यभाषा है। आज भी हिन्दू धर्म में कई पूजा-पाठ संस्कृत भाषा में होते है।
कई सारे बच्चों को उनके शालेय जीवन में संस्कृत भाषा का अध्ययन होता है। बच्चों के साथ कई बड़े जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो उनके लिए संस्कृत भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है।
संज्ञा और सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया करने का बोध हो, उसे कर्ता कहा जाता है। कर्ता का मतलब होता है क्रिया करने वाला।
कर्ता कारक में प्रथमा विभक्ति होती है। किसी शब्द का अर्थ बनाने के लिए, लिंग का बोध कराने के लिए, परिमाण (वजन नाप) और वचन (संख्या) बताने के लिए और संबोधन के लिए प्रथमा विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।
कर्ता जिस कर्म को करता है उसे क्रिया कहा जाता है। संस्कृत भाषा में क्रिया के स्थान पर धातु का प्रयोग किया जाता है।
धातु क्रिया का मूलशब्द होता है।
जैसे-
गच्छति क्रिया ‘गम’ धातु से बनती है।
धातु से क्रिया के रूप (Hindi To Sanskrit Anuvad)धातुक्रिया (वर्तमानकाल)अर्थअट्अटतिघूमता हैअर्ज़अर्जयतिकमाता हैअत्अततिघूमता हैअअर्चयतिपूजा करता हैअव + गम्अवगच्छतिसमझता हैअधि + गम्अधिगच्छतिप्राप्त करता हैअनु + गम्अनुगच्छतिपीछे पीछे चलता हैअति + चर्अतिचरतिउल्लंघन करता हैअभि + चर्अभिचरतिघात करता हैअनु + चर्अनुचरतिसेवा करता हैअप + सृ + चर्अपसारयतिहटाता हैउप + कृउपकरोतिउपकार करता हैअव + मन्अवमानवर्तिअपमान करता हैअनु + तप्अनुतपतिपश्चाताप करता हैअनु + लप्अनुलपतिइन्कार करता हैअव + तृअवतरतिउतरता हैअनु + धाव्अनुधावतिपीछा करता हैअद्अत्तिखाता हैअर्पअर्पयतिअर्पित करता हैअर्हअर्हयतिपूजा करता हैआ + तृआतरतिनाव से पार करता हैआ + चर्आचरतिआचरण करता हैआ + गम्आगच्छतिआता हैआ + नीआनयतिलाता हैआ + कृ + णिच्आकारयतिबुलाता हैआ + कृष्आकर्षतिखींचता हैआ + दिश्आदिशतिआज्ञा देता हैअद् + णिच्आदयतिखिलाता हैआ + कृ + णिच्शाकारयतिबुलाता हैइषइच्छतिचाहता हैइक्ष्इक्षतेदेखता हैउत् + गम्उद्गच्छतिउड़ता हैधातु से क्रिया के रूप (Hindi To Sanskrit Anuvad)
धातुक्रिया (वर्तमानकाल)अर्थअट्अटतिघूमता हैअर्ज़अर्जयतिकमाता हैअत्अततिघूमता हैअअर्चयतिपूजा करता हैअव + गम्अवगच्छतिसमझता हैअधि + गम्अधिगच्छतिप्राप्त करता हैअनु + गम्अनुगच्छतिपीछे पीछे चलता हैअति + चर्अतिचरतिउल्लंघन करता हैअभि + चर्अभिचरतिघात करता हैअनु + चर्अनुचरतिसेवा करता हैअप + सृ + चर्अपसारयतिहटाता हैउप + कृउपकरोतिउपकार करता हैअव + मन्अवमानवर्तिअपमान करता हैअनु + तप्अनुतपतिपश्चाताप करता हैअनु + लप्अनुलपतिइन्कार करता हैअव + तृअवतरतिउतरता हैअनु + धाव्अनुधावतिपीछा करता हैअद्अत्तिखाता हैअर्पअर्पयतिअर्पित करता हैअर्हअर्हयतिपूजा करता हैआ + तृआतरतिनाव से पार करता हैआ + चर्आचरतिआचरण करता हैआ + गम्आगच्छतिआता हैआ + नीआनयतिलाता हैआ + कृ + णिच्आकारयतिबुलाता हैआ + कृष्आकर्षतिखींचता हैआ + दिश्आदिशतिआज्ञा देता हैअद् + णिच्आदयतिखिलाता हैआ + कृ + णिच्शाकारयतिबुलाता हैइषइच्छतिचाहता हैइक्ष्इक्षतेदेखता हैउत् + गम्उद्गच्छतिउड़ता है