Hindi, asked by Navanshu4406, 16 days ago

-200 शब्दों की 2 व्याख्याएँ करनी हैं.)1) समाहत्ता! यदि तुम नहीं चाहते तो मैं तुमसे राजनीति के रहस्य खोलने के लिए नहीं कहूँगकविता की बातें कर सकते हो? उत्तर दो, जो आसव वन्य कुसुमों की सुगंधि लिए हुए है।है?अथवा2) माँ! संतान का पालन माँ-बाप का नैतिक कर्तव्य है. वे किसी पर कोई अहसान नहीं करहैं. वे ऋण मुक्त हों, यही उनका परितोष है. इससे अधिक मोह है, इसलिए पाप है.3) मैं प्रार्थना करती हू

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Answered by sumansultana485
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औपनिवेशिक काल में साहित्यिक पत्रिकाओं का जो चलन शुरू हुआ, वह आज तक बदस्तूर जारी है। खालिस कवि छपने के लिए कविताएं लिखने लगे, कविताओं से अपनी बातें समाज तक पहुंचाने लगे। साहित्यिक कवियों का एक वर्ग पैदा हुआ, जो मूलतः छपने की संस्कृति का हिस्सा था और कभी-कभी लोकप्रिय कवि गोष्ठियों में भी शामिल होता था। इनके साथ ही मंचीय कवियों का एक वर्ग सक्रिय था, जो अपनी कविताओं को लोकप्रिय संवाद बनाकर जनता से जुड़ने में लगा था। चाहे साहित्यिक कवि हों या मंचीय, उन्होंने कविताएं तो लिखीं, पर उनसे ज्यादा काम नहीं लिया। ज्यादा काम का तात्पर्य यहां यह है कि शादी, ब्याह, जन्मदिन, प्रेम, बिछोह, खुशी के क्षणों में अपनी कविता अपने इष्ट-मित्रों एवं चाहने वालों को भेजना। मंच पर कविता पढ़ने वाले कवि छपने वाले कवियों की तुलना में अपनी कविताओं से ज्यादा काम लेते हैं। छपने वाले कवियों के पाठक उनकी कविताओं का इस्तेमाल अपने से जुड़े स्फेयर में करते रहते हैं।

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