Hindi, asked by allghdjhei, 4 months ago

205)कबीर घास की निंदा करने से क्यों मना करते हैं पढ़े हुए दोहे के आधार पर स्पष्ट करिए ? (शब्द सीम 200 words)​

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Answered by khansehjad143
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Answer:

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Explanation:

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Answered by Anonymous
2

Answer:

घास का अर्थ है पैरों में रहने वाली तुच्छ वस्तु। कबीर अपने दोहे में उस घास तक की निंदा करने से मना करते हैं जो हमारे पैरों के तले होती है। कबीर के दोहे में ‘घास’ का विशेष अर्थ है। यहाँ घास दबे-कुचले व्यक्तियों की प्रतीक है। कबीर के दोहे का संदेश यही है कि व्यक्ति या प्राणी चाहे वह जितना भी छोटा हो उसे तुच्छ समझकर उसकी निंदा नहीं करनी चाहिए। हमें सबका सम्मान करना चाहिए।

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