21 की घात 7 बटा 3 भाग 21 की घात 1 बटा 3
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घातांक वह संख्या होती है जो हमें बताती है की किसी संख्या को कितने बार खुद से ही गुना करना है। जैसे : 23 में हम देख सकते हैं कि हमें 2 को तीन बार खुद से गुना करना पड़ेगा।
हम 2 को तीन बार खुद से गुना करेंगे तो हमारे पास उसका घन आ जाएगा। तो इसी प्रकार घातांक हमें बताते हैं कि हमें संख्या को कितनी बार खुद से ही गुना करना पडेगा।
घातांक के नियम: (rules of exponent in hindi)
घातांक के मुख्यतः 6 नियम होते हैं वे निम्न है :
नियम 1: a0 = 1
शून्य के अलावा अगर कोई भी संख्या के ऊपर अगर 0 घात है तो उसका मान 1 हो जाएगा।
उदाहरण :
80 = 1
जैसा कि आप देख सकते हैं 2 एक संख्या है एवं इसके घात के रूप में 0 या शून्य है। जब ऐसा होता है तो संख्या का मान स्वत ही 1 हो जाता है। यहाँ पर भी 2 कि घात 0 होने से इस संख्या का मान 1 हो गया है।
नियम 2: a-m = 1/am
अगर किसी संख्या की घात में ऋणात्मक चिन्ह है तो फिर वह संख्या 1 के भाग में चली जायेगी एवं उसकी घात धनात्मक हो जायेगी।
उदाहरण :
3-3= 1/33 = 1/27
ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आपने देखा की 3 संख्या की घात 3 है लेकिन वह ऋणात्मक है। हम यह भी जानते हैं कि जब ऋणात्मक घात होती है तो वह संख्या 1 के भाग में चली जाती है लेकिन उसकी घात धनात्मक हो जाती है।
नियम 3: am * an = am+n
अगर किन्हीं ऐसी दो संख्याएं जिनका मूल समान है लेकिन घात अलग है उन्हें गुना किया जाता है अगर उन दो संख्याओं को गुना किया जाता है तो उनकी घात का योग हो जाता है।
उदाहरण:
22 * 23 = 22+3 = 25
= 2*2*2*2*2 = 32
जैसा कि आपने देखा ऊपर हमारे पास एक जगह 2 कि घात 2 थी एवं एक जगह 2 कि घात 3 थी। जब हमने उन दोनों संख्याओं को गुना किया तो फिर उन दोनों संख्याओं कि घात का योग हो गया।
नियम 4 : am/an = am-n
अगर किन्हीं ऐसी दो संख्याओं का भाग दिया जाता हैं जिनका मूल ह्या आधार समान है तो उन दोनों संख्याओं की घात घटा हो जाती हैं एवं हम एक ही आधार लेते हैं।
उदाहरण:
25/23 = 25-3 = 22 = 4
जैसा कि आपने देखा की ऊपर हमारे पास दो संख्याएं थी जिनका आधार समान the लेकिन उनके घात अलग अलग थे। ऐसी संख्याओं को जब भाग दिया गया तो उनका आधार एक हो गया एवं जो संख्या अंश में थी उसकी घात में से हर वाली संख्या की घात घटा हो गयी।