Hindi, asked by himanshu8447, 1 year ago

21 lokoktiya and vakya mein prayog​

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Answered by radhikadhiman
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जिसकी बंदरी वही नचावे और नचावे तो काटन धावे : जिसका जो

काम होता है वही उसे कर सकता है।

जिसकी बिल्ली उसी से म्याऊँ करे : जब किसी के द्वारा पाला हुआ

व्यक्ति उसी से गुर्राता है।

जिसकी लाठी उसकी भैंस : शक्ति अनधिकारी को भी अधिकारी बना

देती है, शक्तिशाली की ही विजय होती है।

जिसके पास नहीं पैसा, वह भलामानस कैसा : जिसके पास धन होता

है उसको लोग भलामानस समझते हैं, निर्धन को लोग

भलामानस नहीं समझते.

जिसके राम धनी, उसे कौन कमी : जो भगवान के भरोसे रहता है,

उसे किसी चीज की कमी नहीं होती.

जिसके हाथ डोई (करछी) उसका सब कोई : सब लोग धनवान का

साथ देते हैं और उसकी खुशामद करते हैं.

जिसे पिया चाहे वही सुहागिन : जिस पर मालिक की कृपा होती है

उसी की उन्नति होती है और उसी का सम्मान होता है।

जी कहो जी कहलाओ : यदि तुम दूसरों का आदर करोगे, तो लोग

तुम्हारा भी आदर करेंगे.

जीभ और थैली को बंद ही रखना अच्छा है : कम बोलने और कम

खर्च करने से बड़ा लाभ होता है।

जीभ भी जली और स्वाद भी न पाया : यदि किसी को बहुत थोड़ी-सी

चीज खाने को दी जाये.

जीये न मानें पितृ और मुए करें श्राद्ध : कुपात्र पुत्रों के लिए कहते हैं

जो अपने पिता के जीवित रहने पर उनकी सेवा-सुश्रुषा नहीं

करते, पर मर जाने पर श्राद्ध करते हैं.

जी ही से जहान है : यदि जीवन है तो सब कुछ है। इसलिए सब तरह

से प्राण-रक्षा की चेष्टा करनी चाहिए.

जुत-जुत मरें बैलवा, बैठे खाय तुरंग : जब कोई कठिन परिश्रम करे और उसका आनंद दूसरा उठावे तब कहते हैं, जैसे गरीब

आदमी परिश्रम करते हैं और पूँजीपति उससे लाभ उठाते हैं.

जूँ के डर से गुदड़ी नहीं फेंकी जाती : साधारण कष्ट या हानि के डर से कोई व्यक्ति काम नहीं छोड़ देता.

जेठ के भरोसे पेट : जब कोई मनुष्य बहुत निर्धन होता है और उसकी स्त्री का पालन-पोषण उसका बड़ा भाई (स्त्री का जेठ) करता है तब कहते हैं.

जेते जग में मनुज हैं तेते अहैं विचार : संसार में मनुष्यों की प्रकृति-प्रवृत्ति तथा अभिरुचि भिन्न-भिन्न हुआ करती है।

जैसा ऊँट लम्बा, वैसा गधा खवास : जब एक ही प्रकार के दो मूर्खों का साथ हो जाता है।

जैसा कन भर वैसा मन भर : थोड़ी-सी चीज की जाँच करने से पता चला जाता है कि राशि कैसी है।

जैसा काछ काछे वैसा नाच नाचे : जैसा वेश हो उसी के अनुकूल काम करना चाहिए.

जैसा तेरा ताना-बाना वैसी मेरी भरनी : जैसा व्यवहार तुम मेरे साथ करोगे, वैसा ही मैं तुम्हारे साथ करूँगा.

जैसा देश वैसा वेश : जहाँ रहना हो वहीं की रीतियों के अनुसार आचरण करना चाहिए.

जैसा मुँह वैसा तमाचा : जैसा आदमी होता है वैसा ही उसके साथ व्यवहार किया जाता है।

जैसी औढ़ी कामली वैसा ओढ़ा खेश : जैसा समय आ पड़े उसी के अनुसार अपना रहन-सहन बना लेना चाहिए.

जैसी चले बयार, तब तैसी दीजे ओट : समय और परिस्थिति के अनुसार काम करना चाहिए.

जैसी तेरी तोमरी वैसे मेरे गीत : जैसी कोई मजदूरी देगा, वैसा ही उसका काम होगा.

please mark brainliest !


himanshu8447: where are vakya mein prayog
Answered by Mohitdon30
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Answer:see the pictures

Explanation:and thanks for seeing mine answer . If you like it plzz tell . N if don't then I am sorry

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