21. 'मुनिही हरिअरई सूझ' से क्या
आशय है?
(22 'प्रकति-पद्मिनी के अंशमाली' से कवि का क्या
Answers
'मुनिही हरिअरई सूझ' से क्या आशय है?
✎... 'मुनिही हरिअरई सूझ' से आशय है कि परशुराम को सब हरा-हरा ही सूझ रहा था, इसलिये वे बड़ी-बड़ी बाते कर रहे थे। उन्हे राम-लक्ष्मण की शक्ति और वीरता का ज्ञान नही था।
सीता स्वयंवर में राम द्वारा धनुष तोड़े जाने के बाद जब परशुराम सभा में आकर राम लक्ष्मण पर क्रोध करने लगे और उन्हें धमकाने लगे तब विश्वामित्र ने मन ही मन सोचा कि परशुराम को सब हरा-हरा ही सूझ रहा है। उन्होंने अब तक साधारण क्षत्रियों से ही युद्ध किया है, और उन्हें हराया है। इससे उन्हे तब से सब हरा-हरा ही सूझ रहा है। उन्हें लगता है कि वो राम-लक्ष्मण को भी साधारण क्षत्रिय समझ रह हैं, उन्हें लगता है कि वे राम-लक्ष्मण को भी यूँ ही हरा देंगे। उन्हें पता नही कि राम-लक्ष्मण कोई साधारण पुरुष नही थे, उन्हें हराना असंभव था। परशुराम व्यर्थ में ही नासमझ बने हुए थे।
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