History, asked by rimpydevi542, 4 months ago

21 मार्च और 23 सितंबर को दिन रात बराबर क्यों होते हैं​

Answers

Answered by nileshrathod22024
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Explanation:

आज 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है. इसके पीछे का कारण यह है कि सूर्य के उत्तरी गोलार्ध पर विषवत रेखा पर होने के कारण ही 23 सितंबर को दिन व रात बराबर होते है. खगोलीय घटना के बाद दक्षिण गोलार्ध में सूर्य प्रवेश कर जाएगा और उत्तरी गोलार्ध में धीरे-धीरे रातें बड़ी होने लगेंगी. ... ऐसा 21 मार्च और 23 सितंबर को होता है.Sep 23, 2020

Answered by priyakhemchandani
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Answer:

23 सितंबर का दिन हिंदू कैलेंडर में काफी अहम होता है. आज दिन और रात बराबर होते हैं. यानी सूर्योदय और सूर्यास्त का समय एक बराबर होता है. आज 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है. इसके पीछे का कारण यह है कि सूर्य के उत्तरी गोलार्ध पर विषवत रेखा पर होने के कारण ही 23 सितंबर को दिन व रात बराबर होते है. खगोलीय घटना के बाद दक्षिण गोलार्ध में सूर्य प्रवेश कर जाएगा और उत्तरी गोलार्ध में धीरे-धीरे रातें बड़ी होने लगेंगी.

बता दें कि ऐसा एक साल में दो बार होता है, जब दिन और रात बराबर होते हैं. ऐसा 21 मार्च और 23 सितंबर को होता है. 21 जून को दक्षिणी ध्रुव सूर्य से सर्वाधिक दूर रहता है, इसलिए इस दिन सबसे बड़ा दिन होता है. इसके बाद 22 दिसंबर को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन की ओर प्रवेश करता है, इसलिए 24 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होती है. पृथ्वी के मौसम परिवर्तन के लिए वर्ष में चार बार 21 मार्च, 21 जून, 23 सितम्बर व 22 दिसम्बर को होने वाली खगोलीय घटना आम आदमी के जीवन को प्रभावित करती है. ऐसा खगोल वैज्ञानिकों का मत है. 23 सितम्बर को होने वाली खगोलीय घटना में सूर्य उत्तर गोलार्ध से दक्षिण गोलार्ध में प्रवेश के साथ उसकी किरणे तिरछी होने के कारण उत्तरी गोलार्ध में मौसम में सर्दभरी रातें महसूस होने लगती है.

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने इस बारे में बताया कि 23 सितंबर को जब सूर्य दक्षिणी गोलाद्र्ध में प्रवेश करता है तो पृथ्वी का मौसम बदल जाता है. इसके पीछे सूर्य और पृथ्वी का सौरमंडल में रोटेशन कारण है. सूर्य की किरणें पृथ्वी पर तिरछी पड़ती हैं. यही वजह है कि 23 सितंबर के बाद गुलाबी ठंडक पडने लगती है.

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