21.निर्देशानुसारं लिखत ।
1. मजुषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत -
( माता , मोनम् , प्रस्तरे, जन्तवः , नयनानि, शरीरस्य)
शिलायां
तूष्णीम
देहस्य
पशवः
अम्बा
नेत्राणि
।। . अधोलिखितेषु विकल्पेषु उचितं उत्तरं चित्वा लिखत-
क. शिक्षाये' इति पदे का विभक्तिः ? ( चतुर्थी द्वितीया , तृतीया)
ख. 'नारीणाम् ' इति पदे क: लिङ्ग ? (पुलिङ्गः, स्त्रीलिङ्गः, नपुंसकलिङ्ग)
ग. गमिष्यति इति पदे कः धातुः ? ( भू , गम् , स्था)
घ. आसीत् इत्यत्र को लकार: ? (लट् , लृट् , लङ्ग)
III. मञ्जुषातः विलोमपदानि चित्वा लिखत -
(KI
(सुवुद्धे , वहिः , उपरि , सुलभम् , नीचेः , नूतनम् )
उचेः
अन्तः
अधः
दुर्लभम्
दुवुद्धः
पूरातनम्
Answers
“वाक्य में जिस पद से किसी वस्तु, व्यक्ति या पदार्थ का दूसरे व्यक्ति, वस्तु या पदार्थ से संबंध प्रकट हो, ‘संबंध कारक’ कहलाता है।”
जैसे–
अंशु की बहन आशु है।
यहाँ ‘अंशु’ संबंध कारक है।
यों तो संबंध और संबोधन को कारक माना ही नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इसका संबंध क्रिया से किसी रूप में नहीं होता। हाँ, कर्ता से अवश्य रहता है।
जैसे–
भीम के पुत्र घटोत्कच ने कौरवों के दाँत खट्टे कर दिए।
Answer:
Explanation:
“वाक्य में जिस पद से किसी वस्तु, व्यक्ति या पदार्थ का दूसरे व्यक्ति, वस्तु या पदार्थ से संबंध प्रकट हो, ‘संबंध कारक’ कहलाता है।”
जैसे–
अंशु की बहन आशु है।
यहाँ ‘अंशु’ संबंध कारक है।
यों तो संबंध और संबोधन को कारक माना ही नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इसका संबंध क्रिया से किसी रूप में नहीं होता। हाँ, कर्ता से अवश्य रहता है।
जैसे–
भीम के पुत्र घटोत्कच ने कौरवों के दाँत खट्टे कर दिए।
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