21. रैदास ने "ऐसी....सभै सरै पद में असमय की किस
समस्या को उठाया है?
(1 Point)
अ) विधवा विवाह
ब) बाल-विवाह
स) अषिक्षा
०द) छुआछुत की समस्या
Answers
Answer:
B is your answer man ok it's Bala vivah
रैदास ने "ऐसी....सभै सरै पद में समय में छुआछुत की समस्या को उठाया है।
Explanation:
कवि रैदास ने अपने पद ‘ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै’ में सामाजिक छुआछूत एवं भेदभाव की समस्या एवम तत्कालीन स्थिति का अत्यंत मार्मिक एवं यथार्य चित्र खींचा है। कवि रैदास ने अपने पद में कहा है कि गरीब एवं दीन-दुखियों पर कृपा बरसाने वाला एकमात्र प्रभु है। उन्होंने ही एक ऐसे व्यक्ति के माथे पर छत्र रख दिया है, राजा जैसा सम्मान दिया है, जिसे जगत के लोग छूना भी पसंद नहीं करते । समाज में निम्न जाति एवं निम्न वर्ग के लोगों को तिरस्कारपूर्ण दृष्टि से देखा जाता था। कवि द्वारा नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना, सैन आदि संत कवियों का दिया गया उदाहरण दर्शाता है कि लोग निम्न जाति के लोगों के उच्च कर्म पर विश्वास भी मुश्किल से करते थे। इसलिए कवि को उदाहरण देने की आवश्यकता पड़ी। इन कथनों से तत्कालीन समाज की सामाजिक विषमता की स्पष्ट झलक मिलती है।
इसलिए ,
विकल्प (ध) छुआछूत की समस्या सही उत्तर हैं।Project code #SPJ3