Political Science, asked by vikash9900, 5 months ago

211. 'यह प्रस्तावना संविधान का अमूल अंग है। यह संविधान की कुंजी है। यह
किसका कथन है?​

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Answered by aadil1290
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इसलिए विधायिका (संसद) उसमें संशोधन कर सकती है. (7) केशवानंद भारती ने ही बाद में सर्वोच्च न्यायालय में मूल ढ़ाचा का सिंद्धांत दिया तथा प्रस्तावना को संविधान का मूल ढ़ाचा माना.

Answered by Anonymous
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Answer:

केशवानन्द भारती वाद 1973 मे कहा गया था

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