211. 'यह प्रस्तावना संविधान का अमूल अंग है। यह संविधान की कुंजी है। यह
किसका कथन है?
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इसलिए विधायिका (संसद) उसमें संशोधन कर सकती है. (7) केशवानंद भारती ने ही बाद में सर्वोच्च न्यायालय में मूल ढ़ाचा का सिंद्धांत दिया तथा प्रस्तावना को संविधान का मूल ढ़ाचा माना.
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केशवानन्द भारती वाद 1973 मे कहा गया था
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