21वीं सदी का आत्मनिर्भर भारत पर निबंध
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पीएम मोदी ने कहा कि हम पिछली शताब्दी से ही सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है, लेकिन कोरोना ने हमें वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने-समझने का मौका दिया है.
उन्होंने कहा, "कोरोना महामारी से पहले और बाद के समय को भारत के नजरिए से देखें तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की होगी. यह हमारा सपना नहीं, हम सभी की जिम्मेदारी भी है. इसका रास्ता एक ही है- आत्मनिर्भर भारत."
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है. पीएम ने कहा, "देश में जब कोरोना संकट शुरु हुआ तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनाता था. एन-95 मास्क का नाममात्र का उत्पादन होता था. आज भारत में हर दिन दो लाख पीपीई किट और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं. कोरोना नाम की आपदा ने भारत को आगे बढ़ने का एक मौका दिया है."
पीएम ने कहा कि देश की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है. साल 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद पहली बार देश के किसी पीएम ने लोकल स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग की जोरदार तरीके से वकालत की और इसे आम जनजीवन के मूल मंत्र के तौर पर स्थापित करने का नारा दिया है.
इसे भी पढ़ें: भारत का उद्योग जगत पीएम मोदी के इस राहत पैकेज को हमेशा याद रखेगा: नितिन गडकरी
पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की भव्य इमारत पांच खंभे पर खड़ी होगी. उन्होंने इसे समझाते हुए कहा, "पहला पिलर अर्थव्यवस्था, दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर, तीसरा हमारा सिस्टम होगा जो 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली तकनीक पर आधारित होगा. चौथा पिलर हमारी डेमोग्राफी होगी जो हमारी ताकत है. पांचवां पिलर डिमांड होगी जो हमारी अर्थव्यवस्था में सप्लाई चेन को मजबूती देगी."
पीएम ने कहा कि हम आपूर्ति की उस व्यवस्था को मजबूत करेंगे जिसमें देश की मिट्टी की महक और मजदूरों के पसीने की खुशबू होगी. उन्होंने कहा, "मैं एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं जो आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी बनेगा."
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पीएम मोदी ने कहा कि हम पिछली शताब्दी से ही सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है, लेकिन कोरोना ने हमें वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने-समझने का मौका दिया है.
उन्होंने कहा, "कोरोना महामारी से पहले और बाद के समय को भारत के नजरिए से देखें तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की होगी. यह हमारा सपना नहीं, हम सभी की जिम्मेदारी भी है. इसका रास्ता एक ही है- आत्मनिर्भर भारत."
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है. पीएम ने कहा, "देश में जब कोरोना संकट शुरु हुआ तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनाता था. एन-95 मास्क का नाममात्र का उत्पादन होता था. आज भारत में हर दिन दो लाख पीपीई किट और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं. कोरोना नाम की आपदा ने भारत को आगे बढ़ने का एक मौका दिया है."
पीएम ने कहा कि देश की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है. साल 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद पहली बार देश के किसी पीएम ने लोकल स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग की जोरदार तरीके से वकालत की और इसे आम जनजीवन के मूल मंत्र के तौर पर स्थापित करने का नारा दिया है.
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पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की भव्य इमारत पांच खंभे पर खड़ी होगी. उन्होंने इसे समझाते हुए कहा, "पहला पिलर अर्थव्यवस्था, दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर, तीसरा हमारा सिस्टम होगा जो 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली तकनीक पर आधारित होगा. चौथा पिलर हमारी डेमोग्राफी होगी जो हमारी ताकत है. पांचवां पिलर डिमांड होगी जो हमारी अर्थव्यवस्था में सप्लाई चेन को मजबूती देगी."
पीएम ने कहा कि हम आपूर्ति की उस व्यवस्था को मजबूत करेंगे जिसमें देश की मिट्टी की महक और मजदूरों के पसीने की खुशबू होगी. उन्होंने कहा, "मैं एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं जो आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी बनेगा."