21वीं शताब्दी में स्त्री-पुरुष की क्षमताओं में अंतर समाप्त हो गया है''- 'भारत की ये बहादुर बेटियाँ' पाठ केआधार पर उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए।
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हजारों वर्ष के मानव इतिहास में नारियों के प्रति बदलते हुए रुख का विशद विवरण सिमॉन ब्वू की पुस्तक ‘सेकंड सेक्स’ में उपलब्ध है और इस विषय पर उसे सर्वोत्तम किताब भी माना जाता है। इस किताब का सम्बन्ध सेक्स से नहीं है। इस बात पर भी विचार करें कि ‘कामसूत्र’ के रचनाकार वात्सायन की प|ी भी अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। वेदव्यास की महाभारत में इस तरह का विवरण है कि अपने अज्ञातवास के समय अर्जुन नारी स्वरूप में आकर राजकुमारी उत्तरा को नृत्य शास्त्र की शिक्षा देते थे और उन्हें आभास हुआ कि उत्तरा उनसे प्रेम करने लगी है। अत: अज्ञातवास समाप्त होने पर वे अपने पुरुष स्वरूप में लौटे और उन्होंने राजकुमारी उत्तरा से विवाह का प्रस्ताव रखा जो अस्वीकृत किया गया। अनेक संस्करणों में यह लिखा है कि उत्तरा के पिता यह सम्बन्ध चाहते थे। राजकुमारी उत्तरा तो उनके नारी स्वरूप पर मंत्रमुग्ध थी। कालांतर में राजकुमारी उत्तरा ने अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु से विवाह किया। क्या अभिमन्यु में उन्हें अर्जुन के स्त्री स्वरूप की कोई झलक देखने को मिली। इन महान पात्रों के मनोविज्ञान पर भी शोध की बहुत गुंजाइश है।
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हजारों वर्ष के मानव इतिहास में नारियों के प्रति बदलते हुए रुख का विशद विवरण सिमॉन ब्वू की पुस्तक ‘सेकंड सेक्स’ में उपलब्ध है और इस विषय पर उसे सर्वोत्तम किताब भी माना जाता है। इस किताब का सम्बन्ध सेक्स से नहीं है। इस बात पर भी विचार करें कि ‘कामसूत्र’ के रचनाकार वात्सायन की प|ी भी अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। वेदव्यास की महाभारत में इस तरह का विवरण है कि अपने अज्ञातवास के समय अर्जुन नारी स्वरूप में आकर राजकुमारी उत्तरा को नृत्य शास्त्र की शिक्षा देते थे और उन्हें आभास हुआ कि उत्तरा उनसे प्रेम करने लगी है। अत: अज्ञातवास समाप्त होने पर वे अपने पुरुष स्वरूप में लौटे और उन्होंने राजकुमारी उत्तरा से विवाह का प्रस्ताव रखा जो अस्वीकृत किया गया। अनेक संस्करणों में यह लिखा है कि उत्तरा के पिता यह सम्बन्ध चाहते थे। राजकुमारी उत्तरा तो उनके नारी स्वरूप पर मंत्रमुग्ध थी। कालांतर में राजकुमारी उत्तरा ने अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु से विवाह किया। क्या अभिमन्यु में उन्हें अर्जुन के स्त्री स्वरूप की कोई झलक देखने को मिली। इन महान पात्रों के मनोविज्ञान पर भी शोध की बहुत गुंजाइश है।
Explanation: narender singh