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बिहार में वनों के अभाव के चार कारणों का उल्लेख करें।
Answers
Answer:बिहार विभाजन के बाद अधिकतर वनाच्छादित क्षेत्र झारखण्ड में चला गया है। वर्तमान बिहार में 6.87% भौगोलिक क्षेत्र में ही वन है।
(ii) बिहार में गंगा का उत्तरी मैदान बहुत ही उपजाऊ है। अतः यहाँ के लोग वन लगाने की अपेक्षा कृषि कार्य करना ही सर्वोत्तम मानते हैं।
(iii) वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण भी यहाँ वनों का अभाव है।
(iv) सबसे महत्त्वपूर्ण कारण यह है कि लोगों में वनों के महत्त्व से संबंधित जागरूकता नहीं है। इन कारणों से बिहार में वनों का तेती है ह्रास हो रहा है।
Explanation:संकट में बिहार के वनबिहार देश के उन गिने चुने राज्यों में है जहाँ वन क्षेत्र बहुत कम है। सबसे कम वन क्षेत्र वाले 10 राज्यों की फेहरिस्त बनाई जाये, तो बिहार उनमें शामिल होगा।
इसके बावजूद बिहार सरकार बचे हुए वन क्षेत्र को सुरक्षित-संरक्षित रख नहीं पा रही है।
हाल ही में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत वन क्षेत्र को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में बताया गया है कि राज्य के वन क्षेत्र का तेजी से अतिक्रमण हो रहा है।
आरटीआई के अन्तर्गत मिले जवाब में नालंदा व कैमूर जिले के वन क्षेत्र के बारे में जानकारी दी गई है। सरकार ने बताया है कि कैमूर में 352.419 एकड़ वन क्षेत्र और बिहारशरीफ के 1.30 हेक्टेयर वन क्षेत्र का अतिक्रमण कर लिया गया है।
केन्द्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इण्डिया के वर्ष 2015 के सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 21.34 प्रतिशत भूखंड यानी 701673 वर्ग किलोमीटर पर वन है। वर्ष 2013 में वन क्षेत्र 697898 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ था, जिसमें दो वर्षों में बढ़ोत्तरी हुई है।
वर्ष 2015 के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार देश के मिजोरम में सबसे अधिक 88.93 प्रतिशत भूखण्ड में वन है। वहीं उत्तर प्रदेश में भौगोलिक क्षेत्र के महज 6 प्रतिशत हिस्से में ही वन है। सर्वे यह भी बताता है कि देश के महज 15 राज्यों में ही वन क्षेत्र 33 प्रतिशत से अधिक हैं।
फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इण्डिया के रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार का भौगोलिक क्षेत्रफल करीब 94163 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इनमें से 7.74 प्रतिशत हिस्से यानी 7288 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ही वन है।