22 फरवरी 1917 को पैत्रोग्राद की एक फैक्ट्री में
तालाबंदी की घोषणा की गई।
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1917 में ज़ार का शासन निम्नलिखित खत्म हुआ-
1917 में ज़ार का शासन निम्नलिखित खत्म हुआ-(i) सन् 1917 की सर्दियों में राजधानी पेत्रोग्राद राजधानी की हालत बहुत खराब थी l मजदूरों के इलाकों में खाद्य पदार्थों की बहुत ज्यादा कमी पैदा हो गई थी।
1917 में ज़ार का शासन निम्नलिखित खत्म हुआ-(i) सन् 1917 की सर्दियों में राजधानी पेत्रोग्राद राजधानी की हालत बहुत खराब थी l मजदूरों के इलाकों में खाद्य पदार्थों की बहुत ज्यादा कमी पैदा हो गई थी।(ii) 22 फरवरी को शहर की एक फैक्ट्री में तालाबंदी का ऐलान कर दिया गया। इसी के चलते अगले दिन इस फैक्ट्री के मजदूरों ने भी हड़ताल की घोषणा कर दी।
1917 में ज़ार का शासन निम्नलिखित खत्म हुआ-(i) सन् 1917 की सर्दियों में राजधानी पेत्रोग्राद राजधानी की हालत बहुत खराब थी l मजदूरों के इलाकों में खाद्य पदार्थों की बहुत ज्यादा कमी पैदा हो गई थी।(ii) 22 फरवरी को शहर की एक फैक्ट्री में तालाबंदी का ऐलान कर दिया गया। इसी के चलते अगले दिन इस फैक्ट्री के मजदूरों ने भी हड़ताल की घोषणा कर दी।(iii) 25 फरवरी को सरकार ने ड्यूमा (संसद) को बर्खास्त कर दिया। सरकार ने इस फैसले के विरोध में राजनीतिज्ञ बयान देने लगे। 26 फरवरी को प्रदर्शनकारी भारी संख्या में बाएँ तट के इलाके में एकत्रित हुए।
1917 में ज़ार का शासन निम्नलिखित खत्म हुआ-(i) सन् 1917 की सर्दियों में राजधानी पेत्रोग्राद राजधानी की हालत बहुत खराब थी l मजदूरों के इलाकों में खाद्य पदार्थों की बहुत ज्यादा कमी पैदा हो गई थी।(ii) 22 फरवरी को शहर की एक फैक्ट्री में तालाबंदी का ऐलान कर दिया गया। इसी के चलते अगले दिन इस फैक्ट्री के मजदूरों ने भी हड़ताल की घोषणा कर दी।(iii) 25 फरवरी को सरकार ने ड्यूमा (संसद) को बर्खास्त कर दिया। सरकार ने इस फैसले के विरोध में राजनीतिज्ञ बयान देने लगे। 26 फरवरी को प्रदर्शनकारी भारी संख्या में बाएँ तट के इलाके में एकत्रित हुए।(iv) सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए घुड़सवार सैनिकों को तैनात कर दिया लेकिन घुड़सवार सैनिकों को उन प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से साफ इंकार कर दिया मजदूर तथा सिपाही सोवियत या 'परिषद' का गठन करने के लिए एकत्रित हुए और यहाँ से पेत्रोग्राद सोवियत का जन्म हुआ।
1917 में ज़ार का शासन निम्नलिखित खत्म हुआ-(i) सन् 1917 की सर्दियों में राजधानी पेत्रोग्राद राजधानी की हालत बहुत खराब थी l मजदूरों के इलाकों में खाद्य पदार्थों की बहुत ज्यादा कमी पैदा हो गई थी।(ii) 22 फरवरी को शहर की एक फैक्ट्री में तालाबंदी का ऐलान कर दिया गया। इसी के चलते अगले दिन इस फैक्ट्री के मजदूरों ने भी हड़ताल की घोषणा कर दी।(iii) 25 फरवरी को सरकार ने ड्यूमा (संसद) को बर्खास्त कर दिया। सरकार ने इस फैसले के विरोध में राजनीतिज्ञ बयान देने लगे। 26 फरवरी को प्रदर्शनकारी भारी संख्या में बाएँ तट के इलाके में एकत्रित हुए।(iv) सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए घुड़सवार सैनिकों को तैनात कर दिया लेकिन घुड़सवार सैनिकों को उन प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से साफ इंकार कर दिया मजदूर तथा सिपाही सोवियत या 'परिषद' का गठन करने के लिए एकत्रित हुए और यहाँ से पेत्रोग्राद सोवियत का जन्म हुआ।(v) अगले दिन एक प्रतिनिधिमंडल जार से मिलने गया। सैनिक कमांडरों ने उन्हें सलाह दी कि वह राजगद्दी को छोड़ दे। उन्होंने उनकी बात मान ली और 2 मार्च 1917 को गद्दी छोड़ दी। देश चलाने के लिए एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया