Hindi, asked by ghanashyamdhakar2001, 1 month ago

22:- 'देहमाली मे किस देवता की स्मर्षति मे मेला लगता
है?​

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Answered by bittu5023
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Answer:

कालसन का मेला नैनीताल जनपद के टनकपुर के पास सूखीढ़ाँग व श्यामलाताल की पावन भूमि में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है । यह स्थान टनकपुर से २६ कि.मी. की दूरी पर है । कालसन के बारे में स्थानीय लोगों में तरह-तरह की किवदन्तियाँ प्रचलित हैं । कहा जाता है कि कालसन का मंदिर कभी अन्नापूर्णा शिखर के पास शारदा नदी के किनारे बना हुआ था जिसे बाद में ग्रामवासियों ने सुरक्षा की दृष्टि से निगाली गाँव के पास स्थानान्तरित कर दिया । जहाँ पर ग्रामवासियों ने कालसन देवता को स्थानान्तरित किया था, ग्रामवासियों की श्रद्धा के वशीभूत होकर कालसन भी वहीं श्यामवर्णी लिंग रुप में प्रकट हो गये परन्तु अपनी प्राचीन जगह में उन्होंने लोगों द्वारा अर्पित फल-फूल और सामान को पत्थरों के ढ़ेर में बदल दिया । कहा जाता है कि कालसन देवता महाकाली के उपासक थे ।

वर्तमान में यहाँ देवता थान में धनुषवाण, त्रिशुल आदि का ढेर है । सम्भवत: यह ढेर यहाँ इन वस्तुओं को देवता को अपंण करने की परम्परा के कारण है । इन त्रिशुलों में लोग दीप जलाते हैं तथा काले रंग का वस्र भी बाँधते हैं । उत्तराखंड के अन्य मन्दिरों की तरह यहाँ भी घंटियाँ, ध्वजा आदि चढ़ाने की परम्परा है । भूत, प्रेत आदि बाधाओं से पीड़ित व्यक्ति यहाँ ईलाज के लिए भी लाये जाते हैं ।

पूर्णिमा को यहाँ मेला लगता है । इस मेले में लोग कालसन देवता से मनौतियाँ मनाने, अपनी इच्छाओं की पूर्ति हेतु प्रार्थना करने आते हैं तथा देवता को नारियल इत्यादि अर्पित करते हैं । पहले यह मेला एक हफ्ते तक चलाता था ।

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