Science, asked by dharmendramahto075, 7 months ago

23.
श्रेणीक्रमबद्ध LC-R प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में अनुनाद के लिए शर्त निकालें। अनुनाद आवृत्ति के
3+2
लिए व्यंजक प्राप्त करें।
the condition for resonance in series L-C-R alternating current circuit.​

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Answered by Anonymous
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Answer:

Series LCR resonance circuit in hindi श्रेणी L-C-R अनुनादी परिपथ : हमने श्रेणीक्रम LCR परिपथ के बारे में पढ़ चुके है अब हम बात करते है की इसमें अनुनाद कैसे और कब उत्पन्न होता है तथा इसके लिए सूत्र की स्थापना भी करेंगे।

जब एक परिपथ में प्रेरकत्व L , प्रतिरोध R तथा संधारित्र C को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है तो इस परिपथ को श्रेणी LCR परिपथ कहते है।

जब इसमें एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत लगाया जाता है तो इसमें विभवान्तर तथा धारा के मध्य कलांतर प्राप्त होता है और यह कला अंतर प्रेरकीय प्रतिघात तथा धारितीय प्रतिघात के कारण उत्पन्न हो जाता है।

जब प्रत्यावर्ती वोल्टता की आवृति में परिवर्तन किया जाता है तो इस परिवर्तन से प्रेरकीय प्रतिघात तथा धारितीय प्रतिघात में भी परिवर्तन होता है और फलस्वरूप परिपथ के कलांतर में भी परिवर्तन आ जाता है।

जब परिपथ में आरोपित प्रत्यावर्ती स्रोत की वोल्टता की आवृति को बढाया जाता है तो प्रेरकीय प्रतिघात Lw में वृद्धि होती है तथा धारितीय प्रतिघात 1/Cw में कमी हो जाती है।

इसी प्रकार जब जब परिपथ में आरोपित प्रत्यावर्ती स्रोत की वोल्टता की आवृति को कम किया जाता है तो प्रेरकीय प्रतिघात Lw का मान कम हो जाता है तथा धारितीय प्रतिघात 1/Cw का मान बढ़ता है।

” लेकिन परिपथ में एक स्थिति ऐसी आती है जब किसी आवृति जब प्रेरकीय प्रतिघात Lw का मान तथा धारितीय प्रतिघात 1/Cw का मान बराबर हो जाता है तथा वोल्टता तथा धारा दोनों समान कला में आ जाते है अर्थात कलान्तर शून्य हो जाता है , इस स्थिति को ही L-C-R अनुनादी की स्थिति कहते है ”

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