24 मुंशी प्रेमचंद अथवा हरिशंकर परसाई का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिंदुओं के
आधार पर लिखिए
दो रचनाएँ, भाषा
शैली, साहित्य में स्थान
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हरिशंकर परसाई व्यंग्य के विषय में ख़ुद कहा करते थे कि व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है, जीवन की आलोचना करता है, विसंगतियों, अत्याचारों, मिथ्याचारों और पाखंडों का पर्दाफाश करता है. उनकी रचनाएं उनके इस कथ्य की गवाह हैं.
हरिशंकर परसाई. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)
हिन्दी के सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई किसी भी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं. हिन्दी साहित्य में व्यंग्य विधा के लिए, हर वर्ग के पाठक की चेतना में अगर किसी का नाम पहले-पहल आता है, तो वो परसाई ही हैं.
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