24 निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश की व्याख्या सप्रसंग लिखिए।
बैर फुट ही सो भयो, सब भारत को नाश।
तबहु न छाँडत याहि सब, बंधे मोह के फाँस।
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बैर फुट ही सो भयो, सब भारत को नाश।
तबहु न छाँडत याहि सब, बंधे मोह के फाँस।
संदर्भ : ये पंक्तियां भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा रचित ‘नीति अष्टक’ ग्रंथ से ली गईं हैं।
अर्थ : कवि भारतेंदु हरिश्चंद्र कहते हैं कि हमारे देश भारत का नुकसान भारतवासियों में फैले आपसी बैर और फूट पड़ने के कारण हुआ है। सब को ये पता है, लेकिन सब कुछ जानते हुए है, वे मोह माया के बंधन में फंसे रहते हैं, और अपने अंदर व्याप्त इस बुरी भावना का परित्याग करने की कोशिश करते हैं।
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