24. परिश्रम करने वालों को ही पहले सुख क्यों प्राप्त होना चाहिए ?
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जीवन में सुख प्राप्त करना हर मनुष्य की आकांक्षा होती है। लेकिन, अलादीन का चिराग सबके हाथों में नहीं होता कि चिराग जलाते ही सारी मनः कामनाएँ पूर्ण हो जाएँ। केवल परिश्रम जी जीवन-संघर्ष में सफलता ला सकता है। मानव का इतिहास साक्षी है कि अपने पुरुषार्थ पर भरोसा रखनेवाले लोग ही रेगिस्तानों में झील बना सके हैं, धरती की छाती चीरकर मनोवांछित फल प्राप्त कर सके हैं। वस्तुतः, अपने अदम्य साहस, कौशल और सच्ची लगन के सहारे ही परिश्रमी व्यक्ति जीवन के रेतीले मैदानों को पार करता है। कोयले को हीरे में बदल डालने की कला जादू से नहीं उत्पन्न हो सकती, परिश्रम करनेवाले ही मिट्टी को सोना बना डालते हैं। पुरुषार्थी के लिए कुछ भी असंभव नहीं। अपने परिश्रम के सहारे मनुष्य सफलता के हर शिखर का स्पर्श कर सकता है। कठिन परिश्रम और दृढ़ पुरुषार्थ ही जीवन में सफलता के मूलमंत्र हैं।
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kyun ki parisram ke sibah koi aur upai nahi hai jiban mein safalta pane ka