Hindi, asked by gedakalyan, 7 months ago

24. विद्यार्थी जीवन अथवा विज्ञान एक वरदान अथवा अभिशाप पर 100 शब्दों में निबंध लिखो-5
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Answered by KaranMudgil
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प्रस्तावना:- आज युग विज्ञान का युग है। आज विज्ञान ने हमारे जीवन को बाहर-भीतर दोनों ओर से प्रभावित किया है। इसने बाहर से हमारे सभी कार्यकलापो को अपने प्रभाव में लिया है, तो भीतर से इसने हमारे मन-मस्तिष्क को अपने अनुकूल बना लिया है। इस प्रकार विज्ञान से हम पूर्णरूप से प्रभावित होकर इसके अनुकूल होने के लिए पूरी तरह बाध्य हो चुके है। इस संदर्भ में यह भी कहना उचित होगा की विज्ञान ने आज इतनी उन्नति कर ली है कि यदि आदि कालीन मनुष्य पृथ्वी पर आ जाए तो उसे शायद यह विशवास ही नही होगा कि यह वही पृथ्वी है। इसके निवासी पहले जैसे है। यहाँ सब कुछ पहले जैसा न होकर कैसे बदल गया।

विज्ञान का वरदान स्वरूप:- विज्ञान की उन्नति अब शेशयवस्था को पार कर चुकी है। अब वह यौवनावस्था में आ चुकी है। फलतः उसने अपनी चरम उन्नति कर ली है। इस तथ्य की पुष्टि में संक्षिप्त रूप से इतना कहा जा सकता है कि अब इसने दुज़रे विधाता का नाम और स्थान प्राप्ति कर लिया।

ीट्यूब में इच्छानुसार संलन की प्राप्ति करने से लेकर आकाश-पताल के गम्भीर रहस्यों का ज्ञान प्राप्त करने तक विज्ञान ने अब मनुष्य को सृष्टि का दूसरा ब्रह्मा सिद्ध कर दिया है। आज विज्ञान का स्वरूप और उसके कार्य अनंत है। इससे इसने सम्पूर्ण सृष्टि को प्रभावित और चमत्कृत कर दिया है।

उपसंहार:- आज विज्ञान सचमुच में हमारे जीवन के लिए एक अपूर्व और अदभुत वरदान सिद्ध हो रहा है। यह वास्तव में मनुष्य द्वारा उत्पन्न किया गया मनुष्य के लिए बेजोड़ महावरदान स्वरूप हमारी सम्पुर्ण सृष्टि को प्रभावित कर रहा है। भविष्य में भी यह महावरदान स्वरूप सिद्ध होता रहे, इसके लिए यह नितान्त आवश्यक है। कि इसके कल्याणकारी पक्ष को ही अपने जीवन मे उतारते चले। जहां और जैसे ही हम इस विनाशकारी और विध्वसंक रूपी से लापरवाह और अनजान होंगे, वही और वैसे ही यह हमारा विज्ञान हमें विनाश की ओर ढकेल देगा। प्रभाव से हम पलक झपकते ही न जाने कितनी ऊर्जा प्राप्त कर लेते है। बिजली वास्तव मे हमारे लिए ‘अल्लादीन का चिराग‘ सिद्ध हो रही है। यह बिजली का ही चमत्कार है कि केवल हम बटन दबाकर अपनी इच्छानुसार अपने कार्यो को पूरा कर डालते है। इस दृष्टि से यह कहना किसी प्रकार से असंगत नहीं होंगा की बिजली विज्ञान की सर्वाधिक महत्वपूर्ण और सर्वोपरि देंन है। दूसरे शब्दों में बिजली विज्ञान की सबसे बढ़कर क्षमता और कला है।

Answered by archisman3139
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Explanation:

विज्ञान के वरदान पर निबंध | Essays on the Gift of Science in Hindi!

इस सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा, पालन कर्त्ता विष्णु और संहारक शिव हैं । लेकिन मानव के नए-नए आविष्कारों को देखकर ऐसा लगता है इन तीनों महाशक्तियों को मानव ने अपने हाथों की कठपुतली बना लिया है । परखनली में शिशु को जन्म देकर ब्रह्मा को चौंका दिया ।

नए-नए उद्योग, कारखाने और कम्पनियां लगाकर वह मानव का पालन कर रहा है परमाणु बम का निर्माण कर सृष्टि का संहार कर सकता है । जैसे अमरीका ने जापान पर परमाणु बम गिराकर नरसंहार की एक झलक दिखाई ।

विज्ञान पृथ्वी के लिए कामधेनु है जिसके द्वारा बहरा सुन सकता है, अन्धों को आखें दी जा सकती हैं, कृत्रिम पैर लगाकर मानव न केवल चल ही सकता है बल्कि अपना लक्ष्य भी प्राप्त कर सकता है । जैसे बिना पैरों के सुधा रमन्नन ने नृत्य जगत में धूम मचा दी ।

मानव अपनी आवश्यकताओं के लिए नए-नए आविष्कार करता रहा है और कर रहा है । मोटर साइकिल, हवाई जहाज, कार, रेलगाड़ी का निर्माण किया जिससे घंटों की यात्रा मिनटों में हो जाती है । बेतार के तार टेलीफोन को बनाना जिसके द्वारा हम देश और विदेश दोनों जगह वार्तालाप कर सकते हैं ।

जीवन को संगीतमय बनाने के लिएदूरदर्शन, रेडियो, टेप रिर्काडर बनाए । पैन, पेंसिल बनाकर लेखन कला को समृद्ध किया । पानी से बिजली बनाकर अमावस्या की रात को पूर्णिमा में बदल दिया । गूंगे, बहरे और अन्धों के लिए उनके अनुरूप यन्त्रों का आविष्कार किया, जिससे वह सामान्य जीवन व्यतीत कर सके ।

एक्स-रे का निर्माण कर मानव ने भीतरी अंगों के चित्र लिए । गर्मी को दूर करने के लिए कूलर, पंखे और सर्दी को दूर करने के लिए हीटर बनाए । देश और विदेश की जानकारी प्राप्त करने के लिए टेलीविजन बनाया जिसे न केवल सुना जा सकता है अपितु देख भी सकते हैं । खेती के लिए नए-नए तरीके और औजार बनाए, गैस चालित चूल्हों का निर्माण किया ।

कपड़े धोने की मशीन, जल निकासी के लिए जमीन के भीतर नालियां, कीट-पतंगों के नाश के लिए जहरीली दवाएं, स्वास्थ्यवर्धक इंजैक्शन, हृदय रोपण, शल्य-चिकित्सा, प्लास्टिक सर्जरी, कपड़े सीने की मशीन, गेहूं पीसने की मशीन, कम्प्यूटर, फैक्स, इलैक्ट्रोस्ट्रेट मशीन, कैमरा जैसी मानवोपयोगी वस्तुएं बनाईं । हर मौसम के फलों और सब्जियों को सुरक्षित रखकर प्रकृति को अपना दास बनाया ।

विज्ञान के जहाँ अनेक लाभ हैं वहाँ हानियाँ भी हैं । यातायात की दुर्घटनाओं को बढ़ना, एक देश का दूसरे देश के साथ हथियार लेकर लड़ना, ज्वलनशील पदार्थ फेंकना, बम के द्वारा नुकसान पहुँचाना । परमाणु बम का भय दिखाकर छोटे देशों को दबाना । सभी कार्य मशीनों द्वारा होने से मानव निकम्मा और आलसी हो गया हैं ।

दस व्यक्तियों का काम एक अकेली मशीन के द्वारा होने से बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई । घरेलू गैस का तनिक भी असावधानी से प्रयोग होने पर भयंकर विस्फोट को होना आम बात है । विज्ञान ‘अलादीन के चिराग’ की तरह मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है । सभी क्षेत्रों में अपनी विजय पताका लहरा रहा है । यह मानव के ऊपर है कि वह किस तरह इसका उपयोग करता है । विज्ञान केवल तब तक वरदान है जब तक हम उसका सही उपयोग करें अन्यथा अभिशाप ।

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