[25/04/2020]Grades: VI-VIII
Activity: आप अपने छोटे भाई या बहन को कौन सी कविता या कहानी सुनाना चाहते है? उसे लिखिए।
Answers
Explanation:
इकाई उन विभिन्न तरीकों के बारे में है, जिनके द्वारा कहानी सुनाना कक्षा में सीखने और भाषा के विकास में योगदान कर सकता है। इसमें बताया गया है कि आपके छात्रों के लिए किस प्रकार एक कथावाचन की योजना बनाई जानी चाहिए और इसका मूल्यांकन कैसे किया जाना चाहिए। इसके बाद इसमें ऐसे तरीकों के बारे में सुझाव दिए गए हैं, जिनके द्वारा आप अपने छात्रों को खुद ही कहानियाँ ढूँढने और सुनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। अच्छी तरह सुनाई गई कहानी एक ऐसा अनुभव है, जिसे आपके छात्र लंबे समय तक याद रखेंगे।
आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं
कहानी सुनाने की कई तकनीकों के विषय में
अपने छात्रों के लिए एक कथावाचन सत्र की योजना बनाने और उसका मूल्यांकन करने के तरीकों के विषय में मूल्यांकन कैसे किया जाना चाहिए।
कथावाचन के लिए किस तरह सामुदायिक संसाधन का प्रयोग किया जा सकता है।
यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है
कहानी सुनाना सस्वर वाचन से भिन्न है, क्योंकि इसमें याद के आधार पर वर्णन किया जाता है जिसमें पाठ से (Text) पढ़ना शामिल नहीं होता। इसीलिए इसमें एक संसाधन की आवश्यकता होती है एक कथावाचक की।
कहानियाँ लोगों को जीवन का अर्थ समझने में मदद करती हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही ऐसी कई पारंपरिक कहानियाँ हैं, जो उनसे जुड़े समाजों और समुदायों के कुछ नियमों और मूल्यों को समझने में मदद करती हैं। अनेक भाषाओं और संस्कृतियों की मौजूदगी के कारण भारत ओजस्वी लोक कथाओं में विशेष रूप से समृद्ध है।
आपके छात्रों के भाषा कौशल के विकास में कथावाचन एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल बुद्धिमत्ता और ज्ञान को याद रखने योग्य तरीकों में आगे बढ़ाता है, बल्कि यह छात्रों की कल्पना के विकास में भी मदद करता है, कहानी में अलग–अलग काल एवं स्थानों के विचारों को वास्तविक एवं काल्पनिक पात्रों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
1 कथावाचन का उपयोग क्यों करें?
कहानियां कक्षा में बहुत शक्तिशाली माध्यम होती हैं। वे मज़ेदार, प्रेरणादायी और चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं। वे अपने श्रोताओं को उनके दैनिक जीवन से निकालकर एक काल्पनिक विश्व में ले जा सकती हैं। वे नई अवधारणाओं के बारे में उनकी सोच को प्रेरित कर सकती हैं और एक काल्पनिक व भयमुक्त सन्दर्भ में समस्याओं और भावनाओं को समझने में लोगों की मदद करती हैं।
कथावाचन का उपयोग गणित और विज्ञान सहित कई तरह के पाठ्यक्रम विषयों में एक आकर्षक तरीके से विषय और समस्याएँ प्रस्तुत करने के लिए भी किया जा सकता है।
विचार के लिए रुकें
अपना बचपन याद करें।
क्या आपको कहानियाँ सुनाने वाला कोई व्यक्ति याद है? आपको कहानियाँ कौन सुनाता था: आपके पिताजी, आपकी माँ, दादा-दादी या आपके भाई-बहन? क्या आपको कोई कहानियाँ याद हैं? वे क्यों खास लगती थीं?
आपने आखिरी बार किसी को कोई कहानी कब सुनाई थी? क्या यह आपके किसी अनुभव के बारे में थी, या यह कोई काल्पनिक कथा थी?
कहानियाँ हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और ये कक्षा के लिए भी एक मूल्यवान संसाधन हो सकती हैं, जैसा कि आप केस स्टडी 1 में देखेंगे।
केस स्टडी 1: कहानी सुनाने की तैयारी करना
श्री सिन्हा उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में एक प्राथमिक स्कूल शिक्षक हैं। यहाँ वे बता रहे हैं कि अपने कथावाचन के द्वारा वे किस प्रकार अपने छोटे छात्रों को जोड़े रखते हैं।
जब मैं बहुत छोटा था, तो मेरी दादी रोज़ मुझे कहानियाँ सुनाती थी। मैं उनमें पूरी तरह डूब जाता था। अब मैं अपनी दादी के कुछ तरीकों का उपयोग करके अपने बच्चों को वे कहानियाँ सुनाता हूँ।
स्कूल में मैं कक्षा एक से तीन के छोटे छात्रों को पढ़ाता हूँ। मैं उन्हें हर सप्ताह जो कहानियाँ सुनाता हूँ, वे उन्हें बहुत अच्छी लगती हैं। कुछ शिक्षकों को अपनी याद से कहानियाँ सुनाना कठिन लगता है और वे पुस्तक से पढ़कर अपने छात्रों को कहानियाँ सुनाते हैं - शायद ऐसा करना उन्हें ज्यादा सुरक्षित लगता होगा। कथावाचन के लिए अभ्यास और आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है, लेकिन यह बहुत हो सकता है।
यदि नई कहानी हो तो मैं पहले अपनी बेटियों को या काल्पनिक श्रोताओं को यह कहानी सुनाकर खुद को तैयार कर लेता हूँ। कहानी के वर्णनात्मक भाग के लिए मैं ‘कथावाचक’ के स्वाभाविक स्वर का उपयोग करता हूँ, लेकिन पात्रों को विविधता के लिए अलग अलग स्वर देता हूँ। मैं दुःख या अचंभे जैसी विशिष्ट अभिव्यक्तियों के लिए अपने चेहरे का उपयोग करता हूँ, और अभिवादन जैसे संकेतों के लिए अपने हाथों का उपयोग करता हूँ।
कहानी सुनाते समय अपने छात्रों का अवलोकन करने के कारण मैं बता सकता हूँ कि वे इस पर ध्यान दे रहे हैं और इसे पसंद कर रहे हैं या नहीं।