English, asked by koljitendrakumar94, 3 months ago

-25 निम्नलिखित गद्यांश की सन्दर्भ - प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए।
भर जोते
"दोनों दिन
जाते, डंडे खाते, अड़ते। शाम को थान पर बाँध दिए
जाते और रात को वही बालिका उन्हें दो रोटियाँ खिला जाती।
प्रेम के इस प्रसाद की यह बरकत थी कि दो - दो गाल सूखा भूसा खाकर भी दोनों
दुर्बल नं होते थे, मगर दोनों की आँखों में, रोम – रोम में विद्रोह भरा हुआ था।"​

Answers

Answered by RvChaudharY50
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उतर :-

प्रसंग :- दिए गए गद्यांश में लेखक ' मुंशी प्रेमचंद ' ने झूरी के दोनों बैलों हीरा और मोती की मेहनत और सहनशीलता को दिखाने का प्रयास किया है ।

व्याख्या :- झूरी का साला गया दोनों बैल हीरा और मोती को अपने साथ ले गया था l वहा जा कर दोनों दिन भर कड़ी मेहनत करते थे l गया उन्हें सुबह से शाम तक हल में जोतता था । उन पर जोर - जोर से डण्डे बरसाता था । इससे वे दोनों क्रोधित होकर उसका बार - बार विरोध करते थे । फिर भी वह उनके प्रति जरा भी नरमी नहीं दिखाता था ।

इस प्रकार उनसे डटकर काम लेने के बाद वह उन्हें थान पर बाँध देता था । रात होने पर पहले की तरह उसकी लड़की उन्हें चुपके से दो रोटियाँ खिलाकर चली जाती थी । दोनों उसके द्वारा दी हुई उन रोटियों को प्रसाद की तरह बड़े ही प्रेमभाव से लेते थे । उससे उन्हें एक ऐसी अद्भुत सहनशक्ति मिलती थी कि वे रूखा सूखा भूसा चारा खाकर भी दोनों दुर्बल नहीं होते थे l परंतु गया के प्रति उनके मन में घृणा और आंखों में गुस्सा भरा हुआ था ।

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